TrendingAyodhya Ram MandirDharmendra & Hema MaliniBigg Boss 19Gold Price

---विज्ञापन---

MIT में भारतीय मूल के स्टूडेंट ने लिखा ऐसा निबंध, खतरे में पड़ गया करियर!

MIT Expels Indian Origin Student: एमआईटी ने भारतीय मूल के छात्र प्रह्लाद अयंगर पर बड़ी कार्रवाई की है। यूनिवर्सिटी ने छात्र को बैन कर दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।

एमआईटी में भारतीय मूल के छात्र पर लगा बैन।
MIT Expels Indian Origin Student: अमेरिका के कैम्ब्रिज में स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को दुनिया के टॉप संस्थानों में माना जाता है। लाखों स्टूडेंट्स यहां से पढ़ने का सपना देखते हैं, लेकिन अब एक स्टूडेंट पर हुए एक्शन से ये यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में है। दरअसल, यहां भारतीय मूल के एक छात्र प्रह्लाद अयंगर ने एक फिलिस्तीन समर्थक निबंध लिखा था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने उस छात्र पर बैन लगा दिया।

कॉलेज की मैग्जीन में लिखा था निबंध

प्रह्लाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान विभाग से पीएचडी कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी 5 साल की नेशनल साइंस फाउंडेशन ग्रेजुएट रिसर्च फेलोशिप खत्म हो जाएगी। एमआईटी ने स्टूडेंट के कॉलेज कैंपस में एंट्री पर रोक लगा दी है। छात्र ने ये निबंध कॉलेज की मैग्जीन में लिखा था। जिसे एमआईटी ने वॉयलेंस से रिलेटेड माना। इस मैग्जीन को भी बैन कर दिया गया है। ये भी पढ़ें: तेहरान में प्रदूषण के कारण बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस, ईरान सरकार ने दी हिदायत

छात्र ने सफाई में कही ये बात 

आयंगर के लिखे निबंध का शीर्षक 'ऑन पैसिफिज्म' है। हालांकि उसके लेख से सीधे तौर पर हिंसक प्रतिरोध का आह्वान नहीं किया गया है, लेकिन इसमें लिखा है कि 'शांतिवादी रणनीति' शायद फिलिस्तीन के लिए अच्छा उपाय नहीं है। खास बात यह है कि इस निबंध में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन का लोगो भी दिखाया गया। इसे अमेरिकी विदेश विभाग ने एक आतंकवादी संगठन माना है। अयंगर का कहना है कि उन पर आतंकवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं, ये गलत है। इन्हें सिर्फ निबंध में दी गई तस्वीरों की वजह से लगाया जा रहा है। ये तस्वीरें उन्होंने नहीं दी थीं। ये भी पढ़ें: असद का कत्लखाना कहलाती है सीरिया की ये जेल, 14 साल में 1 लाख लोगों को उतारा मौत के घाट

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा 

हालांकि दूसरी ओर, कॉलेज का कहना है कि निबंध में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल की गई, उसे हिंसक या विध्वंसकारी विरोध प्रदर्शन का आह्वान माना जा सकता है। अयंगर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कमी का मुद्दा उठाया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब अयंगर पहली बार सस्पेंड हुए हैं। पिछले साल फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। एमआईटी के रंगभेद विरोधी गठबंधन ने भी आवाज मुखर की है। संगठन से जुड़े छात्रों ने एमआईटी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ये भी पढ़ें: भारतीय मूल की अनुष्का ने लंदन में रचा इतिहास, बनीं कैम्ब्रिज छात्र यूनियन की अध्यक्ष


Topics: