दिल की ‘लाइलाज बीमारी’ से लड़ रही महिला, डॉक्टरों ने बैटरी के सहारे एक साल से रखा है जिंदा
Miracle News: American Woman Alive With Battery: अमेरिका की एक 30 वर्षीय महिला दिल की दुर्लभ बीमारी से लड़ रही है। डॉक्टरों ने बताया है कि महिला में ये बीमारी आनुवांशिक है, जिसमें उसकी कोई नाड़ी (पल्स) नहीं है। मेडिकल टीम ने उसे एक बैटरी के सेट पर जिंदा रखा है।
न्यूज साइट डीजीबर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, बोस्टन की टिकटॉकर सोफिया हार्ट (Sofia Hart) को दिल की गंभीर बीमारी कार्डियोमायोपैथी है। इसमें एक ऐसी स्थिति होती है जहां हृदय प्रभावी ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पाता, क्योंकि बायां वेंट्रिकल, मुख्य पंपिंग कक्ष, बड़ा और कमजोर हो गया है।
न्यूज साइट People.com की रिपोर्ट के अनुसार वह अब एक जीवन रक्षक लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) के साथ रहती हैं। ये डिवाइस उनके हार्ट को पंप करता रहता है। हालांकि डॉक्टर उनके हार्ट ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। सोफिया करीब एक साल से बैटरी के सहारे जिंदा हैं।
बाहर जाने पर साथ ले जाती हैं बैटरियां
जबकि सोफिया हार्ट हर किसी की तरह दांत साफ करना, नाश्ता बनाना जैसे दैनिक काम कर सकती हैं। बताया गया है कि ये डिवाइस एक दीवार पर फिट है, जो सोफिया को जिंदा रखती है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट में बताया है कि वह घर से बाहर निकलते समय अपने LVAD को बैटरियों में प्लग करती हैं और अपने साथ बैटरियों का एक अतिरिक्त सेट भी ले जाती है।
सोफिया अपने जीवन की इन घटनाओं को वीडियो में कैद करके टिकटॉक पर दिखाती हैं। यही कारण है कि उन्होंने टिकटॉक पर अपने जीवन को दिखाना शुरू किया है। उसका अकाउंट तेजी से बढ़ रहा है। उनके वीडियो पर लाखों व्यू आते हैं। 15 लाख बार देखे गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि मेरी बैटरी खत्म हो गई है।
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जुड़वा बहन को भी है यही बीमारी
एक रिपोर्ट में सोफिया ने कहा कि मुझे वास्तव में दर्द होने लगा और मैं अब बहुत थकने लगी हूं। यह एक थकान की तरह है जिसे आप वास्तव में बयां नहीं कर सकते। मैं अपने दिमाग से नहीं थकी हूं, लेकिन मेरा शरीर इतना थक गया था। ड्राइविंग करने में भी मेरी सांस फूल रही है। उन्होंने बताया कि 7 साल पहले, उसकी जुड़वां बहन ओलिविया को हार्ट फेल (Heart Failure) का सामना करना पड़ा था। साल 2016 में उसके ट्रांसप्लांट तक एलवीएडी डिवाइस प्राप्त करना पड़ा था। इसके बाद जब सोफिया भी बीमार हो गई तो आनुवंशिक बीमारी की जानकारी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब वे जानते हैं, उन दोनों में टीएनएन वैरिएंट है, जिसके बारे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि इस समस्या का निदान होना मुमकिन नहीं है। बताया गया है कि सोफिया को 29 साल की उम्र में वही इलाज दिया जा रहा है, जो उसकी बहन को 22 साल की उम्र में दिया जा रहा था। उन्होंने कहा है कि जब तक मेरे दिल का ट्रांसप्लांट नहीं होगा तब तक मैं इसी डिवाइस के सहारे रहूंगी।
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