Margaret MacLeod US State Department's Spokesperson On G20 Summit: जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए विश्व के नेता एक-एक कर भारत की धरती पर आ रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के पीएम फुमियो किशिदा दिल्ली आ चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शाम तक आएंगे। बाइडेन से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्गरेट मैक्लाउड भारत पहुंच गई हैं। मार्गरेट की खासियत है कि न सिर्फ हिंदी समझती हैं बल्कि फर्राटेदार हिंदी बोलती भी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली बेहद सुंदर लग रही है। भारत और अमेरिका दुनिया के पुराने लोकतांत्रिक देश हैं। जी-20 दुनिया की 85 फीसदी जीडीपी का नेतृत्व करता है। हम भारत के साथ काम करने को तैयार हैं।
भारतीय युवाओं की गजब एनर्जी
प्रवक्ता मार्गरेट ने कहा कि जी-20 में हम कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत और अमेरिका उभरती टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षा अन्य सहित कई क्षेत्रों में साझेदारी साझा करते हैं। भारत के युवाओं में गजब एनर्जी है। भारतीय युवाओं की महत्वाकांक्षा को देखने के बाद अमेरिका भारत के साथ काम करना चाहता है।
यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए रूस कर रहा हमला
प्रवक्ता मार्गरेट ने रूस-यूक्रेन की जंग पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला। यूक्रेन अनाज का बड़ा निर्यातक है। लेकिन रूस ने उसके गोदामों पर हमला किया। इससे वैश्विक मंदी पर बड़ा असर पड़ रहा है। यह एक आर्थिक समस्या है। जिस पर बात होनी चाहिए। रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जी-20 में नहीं आ रहे हैं। फिलहाल ये फैसला उस देश का होता है कि वह कौन सा प्रतिनिधि भेजता है। रूस और चीन के जो भी प्रतिनिधि आएंगे, हम उनके साथ काम करेंगे।
दुनिया को दिखेगी भारतीय संस्कृति
मार्गरेट ने जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों और बतौर अध्यक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना की। जी-20 के जरिए पूरी दुनिया को भारत की संस्कृति देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने कई चुनौतियां झेली हैं। दोनों देशों को काफी अनुभव है, जो हम पूरी दुनिया को शेयर कर सकते हैं।
दिल्ली के इस कॉलेज से की पढ़ाई
मार्गरेट ने हिंदी बोलने के राज को साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी पढ़ाई दिल्ली में हुई है। मुखर्जी नगर में रहती थीं। उस वक्त वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें पुराना किला, लाल किला काफी पसंद है। उन्होंन गुड़गांव की तारीफ की। कहा कि तब तक का गुड़गांव आज के गुड़गांव से एकदम अलग है।
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