TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

‘तुम हमारा सपोर्ट करो, हम तुम्हारा सपोर्ट करेंगे’, कनाडा में आदिवासियों को भी भड़का रहे हैं खालिस्तानी

Khalistani And Tribal Member Meet In Canada Gurudwara: कनाडा में खालिस्तान की बढ़ती गतिविधियों को लेकर भारत चिंतित है। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में कनाडाई पीएम ने भारत पर आरोप लगाए थे। इस बीच वहां से आई एक खबर ने भारत सरकार को चिंता में डाल दिया है। कनाडा के सरे स्थित […]

Khalistani And Tribal Member Meet In Canada Gurudwara
Khalistani And Tribal Member Meet In Canada Gurudwara: कनाडा में खालिस्तान की बढ़ती गतिविधियों को लेकर भारत चिंतित है। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में कनाडाई पीएम ने भारत पर आरोप लगाए थे। इस बीच वहां से आई एक खबर ने भारत सरकार को चिंता में डाल दिया है। कनाडा के सरे स्थित एक गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थकों और मणिपुर के आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों की मुलाकात हुई। फिलहाल भारतीय एजेंसियां इसे लेकर सतर्क है पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। इस दौरान कनाडा में मणिपुर आदिवासी एसोसिएशन के अध्यक्ष लेइन गांगटे ने लोगों को संबोधित भी किया।

भारत में हो रहा अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न

गांगटे ने इस दौरान भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न को लेकर भाषण दिया। एजेंसियों को चिंता है कि खालिस्तानी पंजाबियों के साथ-साथ आदिवासियों को भी भड़का रहे हैं। बता दें कि सरे गुरुद्वारे पर खालिस्तानियों का कब्जा बताया जाता है। इस गुरुद्वारे का नियंत्रण मारे गए खालिस्तानी आतंकी निज्जर के पास ही था। वहीं निज्जर की हत्या भी इसी गुरुद्वारे के पास हुई थी।

चीन से लिंक आया सामने

रिपोर्ट्स की मानें तो इस आयोजन से पहले आदिवासी संगठनों और निज्जर के सहयोगियों के बीच एक मीटिंग हुई थी। गांगटे ने अपने भाषण में कहा कि सिख समुदाय के लोगों ने मणिपुर में कुकी समुदाय के लोगों को धन्यवाद दिया है। इस बीच एक और जानकारी सामने आई है खालिस्तानी आतंकी गुरपंतवत सिंह पन्नू को चीन का समर्थन हासिल है। उसने चीन से अपील की है कि वह खालिस्तानी रेफरेंडम का समर्थन करे हम उन्हें अरुणाचल दिलवाने में मदद करेंगे। बता दें कि कनाडा में पिछले दिनों पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता करीमा बलोच और चीन सरकार के आलोचक वेइ हू की हत्या हो चुकी है। लेकिन कनाडा इन दोनों मामलों में चुप रहा। कनाडा की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।  


Topics:

---विज्ञापन---