Japan Tsunami Videos: रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास आज 8.8 की तीव्रता का शक्तशाली भूकंप आया, जिसके चलते रूस और जापान में विनाशकारी सुनामी आ गई है, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। रूस और जापान के अलावा अमेरिका, न्यूजीलैंड, चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ताइवान में भी सुनामी आने का खतरा है। ताजा अपडेट के अनुसार, प्रशांत महासागर में करीब 6 फीट ऊंची लहरें उठी रही हैं और तेज भयंकर हवाएं भी चल रही हैं।
19 लाख से ज्यादा लोग हुए बेघर
जापान में समुद्र किनारे बसे करीब 21 राज्य सुनामी की चपेट में हैं। इन राज्यों में 19 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जो दहशत में हैं। सुनामी के कारण उन्हें अपने घर छोड़कर जाना पड़ रहा है, क्योंकि जापान की सरकार ने लोगों को शहर खाली करने को कह दिया है। वहीं जापान में आज आई सुनामी ने साल 2011 में आई सुनामी से मची तबाही के जख्म भी ताजा कर दिए हैं। आइए जापान में आज आई सुनामी के वीडियो देखते हैं और जानते हैं कि 14 साल पहले साल 2011 में जापान में क्या हुआ था?
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साल 2011 में जापान में मची थी तबाही
बता दें कि 14 साल पहले 11 मार्च 2011 को जापान के तोहोकू क्षेत्र के पास प्रशांत महासागर में 9 से ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र सेंडाई (मियागी प्रीफेक्चर) से 130 किलोमीटर दूर पूर्व में 30 किलोमीटर की गहराई पर था। यह जापान में आया आज तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था और दुनिया के आए सबसे बड़े भूकंपों में से चौथा भूकंप था। भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में 10 से 40 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठी थीं, जो समुद्र तट से 10 किलोमीटर अंदर तक आ गई थीं। मियागी में ओनागावा में 40.5 मीटर तक की लहरें दर्ज की गई थीं। कई शहरों में 10 मिनट में और कई शहरों में एक घंटे के अंदर समुद्र का पानी भर गया था।
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सुनामी से कितना हुआ था नुकसान?
जापान में 11 मार्च 2011 को आई सुनामी से समुद्र किनारे बसे कई शहर तबाह हो गए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 19747 लोग मारे गए थे। 6242 लोग घायल हुए थे और 2556 लोग लापता हुए थे, जिनका सुराग ही नहीं मिला। सुनामी से 1.2 लाख से ज्यादा इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गई थीं। 2.8 लाख इमारतों की मरम्मत करानी पड़ गई थी। सुनामी से जापान ने 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान झेला था, जो जापान में आई उस आपदा को दुनिया की सबसे महंगी प्राकृतिक आपदा बनाता है। सुनामी से मियागी, इवाते और फुकुशिमा प्रीफेक्चर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। सेंडाई, मिनमिसानरिकु और रिकुजेंटाकाटा में भारी तबाही मची थी। फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में मेल्टडाउन हुआ, जिसके कारण रेडियोधर्मी रिसाव हुआ। चेरनोबिल (1986) के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी परमाणु आपदा थी।
3 एजेंसियों ने दिया था सुनामी का अलर्ट
सुनामी ने घरों, कारों, समुद्री जहाजों और इमारतों को ताश के पत्तों की तरह बहा दिया था। जापान के तटीय शहरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। Ditto, JMA और NOAA ने सुनामी आने की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी, लेकिन सुनामी की लहरें इतनी तेजी से समुद्र तट तक पहुंची थीं कि लोगों को बचाने का समय ही नहीं मिला। 2011 की सुनामी के बाद 400 किलोमीटर लंबी सुनामी दीवारें बनाई गई थीं, जो समुद्री लहरों का सतह तक नहीं आने देंतीं। शिंकनसेन ट्रेनों में भूकंप अलर्ट लगाए गए थे। फुकुशिमा क्षेत्र में रेडियोधर्मिता की निगरानी तेज कर दी गई थी। इलाके में रहने वाले लोगों का पुनर्वास किया गया था। आज भी जापान में समय-समय पर भूकंप और सुनामी से बचने के लिए मॉक ड्रिल करके लोगों को सिखाया जाता है कि वे प्राकृतिक आपदा से बचाव कैसे कर सकते हैं?