Japan Earthquake Update: जापान के नॉर्थ-ईस्ट में आए 7.5 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने सुनामी 10 फीट ऊंची सुनामी आने का अलर्ट दिया था, जिसे मंगलवार सुबह वापस ले लिया गया और एक एडवाइजरी में बदल दिया गया, जिसे टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जा रहा है और मोबाइल फोन पर अलर्ट मैसेज भेजे जा रहे हैं.
खाली कराए गए हैं समुद्र तटीय इलाके
दरअसल, समुद्र में करीब ढाई फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं. इससे समुद्र तटों पर रहने वाले करीब 90000 लोग बेघर हो गए हैं. भूकंप के झटकों से लोगों का माली नुकसान भी हुआ है. ट्रेन सेवाएं और ट्रांसपोर्ट सर्विस ठप है. 20 से ज्यादा लोगों के घायल होने की रिपोर्ट मिली है, जिसमें से एक की हालत नाजुक है. भूकंप के झटकों से कई शहरों में बिजली के खंभे और बिजली की तारें टूटकर गई हैं, जिससे अंधेरा पसरा हुआ.
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ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप आने का अलर्ट
जापान के प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि जापान के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले हफ्ते ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है, इसलिए लोग भविष्य में आने वाले भूकंप के लिए तैयार रहें. नॉर्थ-ईस्ट के शहरों में ट्रांसपोर्ट और ट्रेन सेवाएं बंद कर दी गई हैं और लोग ऊंचे इलाकों में शिफ्ट हो जाएं. इमरजेंसी टीमें फील्ड में हैं और हर शहर में एक कंट्रोल रूम है, जिससे आपात स्थिति में संपर्क कर सकते हैं.
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न्यूक्लियर प्लांट की कड़ी निगरानी शुरू
हिगाशिदोरी और ओनागावा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से लीकेज की कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन उनके आस-पास के इलाके खाली करा दिए गए हैं. होक्काइडो, आओमोरी और इवाते प्रान्तों के लिए रेड अलर्ट रहेगा. बंदरगाहों से 20 से 70 सेंटीमीटर (7 से 27 इंच) ऊंची लहरें टकरा रही हैं. भूकंप के झटके लगने से इमारतों से नीचे गिरती चीजों और कांच के टूटने से लोग घायल हुए हैं. एक व्यक्ति कार समेत गड्ढे में गिर गया.
एडवाइजरी में शरण में रहने के निर्देश
मुख्य कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने देश के लोगों से आग्रह किया है कि लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. ऊंची जगहों पर जाकर शरण ले लें. जब तक एडवाइजरी वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक वहीं आश्रय मे रहें. सोमवार रात को स्थानीय समय के अुनसार 11:15 बजे 7 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र आओमोरी प्रांत के तट से 80 किमी (50 मील) दूर धरती के नीचे 50 किमी (30 मील) की गहराई में था.