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Isreal Hamas War: युद्ध में अस्‍पतालों पर नहीं किया जा सकता हमला, ये कहता है अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून

Isreal Hamas War: दुनिया के बहुत कम लोग जानते हैं कि युद्ध के दौरान अस्पतालों पर हमला नहीं किया जा सकता, इसके लिए इंटरनेशनल लेवल पर एक कानून बना है, जानिए उसके बारे में...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 20, 2023 17:51
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Gaza Hospital Attack

United Nations War Charter Banned Attack Over Hospital: इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है। हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर हमला किया। करीब 1500 लोग मारे गए। हमास के लड़ाकों ने खूब तबाही मचाई। उनकी दरिंदगी पूरी दुनिया ने देखी। हैवानियत और तबाही का मंजर देखकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा को शमशान बनाने की कसम खाई। इसके लिए इजरायली सेना ने गाजा को खाली करने का अल्टीमेटम दिया। इस बीच 18 अक्टूबर को गाजा के अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर मिसाइल से हमला हुआ।

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इजरायल का अस्पताल पर हमला करने से इनकार

अस्पताल पर हमले में करीब 500 लोग मारे गए, लेकिन युद्ध में अस्पताल को टारगेट करने को लेकर दुनियाभर में इजरायल की आलोचना हुई। वहीं इजरायल ने दावा किया कि यह हमला उसने नहीं किया, बल्कि इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन ने रॉकेट लॉन्च किया था, जो मिस हो गया और अस्‍पताल पर गिर गया। मान लिया जाए कि इजरायल की सेना ने अस्पताल पर हमला किया, नहीं भी किया हो तो भी दुनियाभर के देशों के लिए यह जानना भी जरूरी है कि युद्ध के दौरान किसी देश के अस्पताल को निशाना नहीं बनाया जा सकता है। अस्पताल पर किसी सूरत में हमला नहीं किया जा सकता है। इसके लिए कानून तक बना है।

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अस्पताल पर हमला अधिकार का गंभीर उल्लंघन

युद्धकाल में अस्पतालों और स्‍कूलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने चार्टर बनाया हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL) नियमों का एक समूह है, जो युद्ध के दौरान देशों की ज़िम्मेदारियों को निर्धारित करता है। इस मानवीय कानून के तहत स्कूल और अस्पताल दोनों संरक्षित नागरिक स्‍थल हैं। युद्ध के दौरान इन दोनों बंद करना मानवीय अधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना गया है। अस्पतालों पर किसी भी तरह से किया गया हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से चिह्नित और निंदित 6 गंभीर मानवीय अधिकारों के उल्लंघनों में से एक है। इन उल्लंघनों को खत्‍म और रोकना परिषद के विशेष प्रतिनिधि दल के काम का हिस्‍सा है।

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संयुक्त राष्ट्र परिषद के फैसले का 16 देशों को समर्थन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने चार्टर 1998 को आधार बनाकर 2011 में आदेश जारी किया कि स्कूल और अस्पताल शांति के प्रतीक माने जाते हैं तो यह सरंक्षित स्थल रहेंगे। युद्ध के दौरान इन पर हमला करना अपराध कहलाएगा। यह चार्टर सुनिश्चित करता है कि युद्ध के दौरान भी बच्चे अपने शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकारों का पूरा फायदा उठा सकें और उनके इस अधिकार का हनन करने वालों को दंड दिया जाए। मई 2015 में स्‍कूलों को सुरक्षित स्‍थान घोषित किया गया। सितंबर 2021 तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस घोषणा का दुनिया के 16 देशों के 111 राज्यों ने समर्थन किया, जिसमें अफगानिस्तान, बुर्किना फासो, कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इराक, लेबनान, माली, नाइजर, नाइजीरिया, फिलिस्तीन स्‍टेट, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान और यमन आदि देश शामिल हैं।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 20, 2023 05:47 PM

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