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पीरियड्स में न मिल रहे पैड, न ही सफाई के लिए साबुन, गाजा की लड़कियां किस हाल में गुजार रहीं जीवन?

Girls in Gaza: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है इस जंग में सबसे ज्यादा तबाही का सामना गाजा के लोग कर रहे हैं। खासकर महिलाएं, जिन्हें बहुत सी ऐसी चीजों की कमी से जूझना पड़ रहा है जिनके न मिलने से वह लंबे समय तक के लिए बीमार पड़ सकती हैं। गाजा की लड़कियों को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

Photo Credit- Social Media

Girls in Gaza: इजराइल-फिलिस्तीन की जंग में गाजा के लोग बुरी तरह से फंसे हुए हैं। जिनकी मौत हो रही है, वह गाजा के लोग हैं, जो भुखमरी का शिकार हैं, वह गाजा के ही लोग हैं। गाजा से हर रोज चौंकाने वाली रिपोर्ट्स सामने आती हैं। कभी बच्चों की मौत का हैरान करने वाला आंकड़ा, तो कभी भुखमरी के हालात से जूझ रहे लोगों की तस्वीरें विचलित कर देती हैं। हाल ही में CCN की एक रिपोर्ट सामने आई, जो गाजा की लड़कियों के हालात की तस्वीर दिखाती है। रिपोर्ट में बताया गया कि इन लड़कियों को पीरियड्स में पैड तक नहीं मिल रहे हैं। बच्चियों की मां ने आपबीती सुनाई कि किस तरह से वह अपनी बेटियों के लिए पीरियड्स में जुगाड़ कर रही है।

पुराने कपड़े के टुकड़ों का इस्तेमाल

गाजा से जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के हालात सोच से भी ज्यादा खराब हो चुके हैं। पहले भुखमरी और अब लड़कियों के हालात चिंताजनक दिख रहे हैं। सीएनएन ने गाजा की जिस महिला से बात की वह कई बच्चों की मां है। वह कहती हैं कि यहां पर इन हालात में रहने में बहुत शर्मिंदगी होती है। महिलाओं के लिए बेसिक चीजें भी नहीं है। महिला ने बताया कि जब उनकी बेटी को पीरियड्स होते हैं, तो उसके लिए वह कुछ कपड़ों के टुकड़े बनाती है। उनको वह अपनी बेटी को इस्तेमाल करने के लिए देती है।

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7 लाख महिलाएं झेल रहीं पीड़ा

वह कहती हैं कि इसको ही वह बेटी को सैनेटरी पैड के तौर पर देती हैं। हालात इतने खराब हैं कि सफाई के लिए साबुन जैसी बेसिक चीजें भी नहीं हैं। इसके अलावा साफ पानी की भी किल्लत है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में करीब 7 लाख महिलाएं हैं जो इस तरह की परेशानी झेल रही हैं। यूनाइटेड नेशन के हेल्थ एक्सपर्ट ने इसको लेकर चेतावनी भी देते हुए कहा कि 'अगर इस तरह के हालात बने रहे, तो महिलाओं को लंबे समय के लिए हेल्थ प्रॉब्लम से जूझना पड़ेगा।'

एक बेटी की मां ये सवाल करती है कि 'क्या सैनेटरी पैड इतने महंगे हैं कि मेरी बेटी को वो मिल नहीं सकता? क्या यह हमारे अधिकार का हिस्सा नहीं है? मेरी बेटी से उसका बचपन छीन लिया गया है। उससे उसकी नॉर्मल जिंदगी छीन ली गई है।

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