B-2 Spirit Bomber Explainer: ईरान के खिलाफ जंग में इजरायल की मदद करने के लिए अमेरिका रणक्षेत्र में कूद गया है। अमेरिका की सेना ने बीती रात ईरान पर हमला किया और अमेरिका का मेन टारगेट ईरान का सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई और ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट है। दोनों ही जमीन के अंदर काफी गहराई में छिपे हैं। अमेरिका दोनों ठिकानों पर दुनिया के सबसे शक्तिशाली बम GBU-57 से हमला कर सकता है, लेकिन बीती रात अमेरिका ने अपने सीक्रेट हथियार B-2 स्पिरिट बॉम्बर से हमला किया। अमेरिका ने इस बॉम्बर को आज तक किसी को नहीं बेचा और इस बॉम्बर को बनाना भी इतना महंगा है कि अमेरिका खुद बॉम्बर बनाने का अपना टारगेट अचीव नहीं कर पाया।
ईरान के लिए 4 बॉम्बर किए गए तैनात
यह दुनिया का सबसे अनोखे डिजाइन वाला बॉम्बर है, जिसे अमेरिका ने हिंद महासागर में ब्रिटेन के अधिकार वाले इलाके डिएगो गार्सिया में तैनात कर दिया है। अमेरिका का यह बेस भारत के पड़ोस में है और ईरान से 5267 किलोमीटर दूर है। अमेरिका ने चार B-52 बॉम्बर प्लेन यहां तैनात किए हैं। इसी बेस से उड़ान भरकर बीती रात बॉम्बर ईरान में हमला करने घुसे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि अगर ईरान ने घुटने नहीं टेके और अमेरिका को जंग में कूदने की जरूरत पड़ी तो ईरान पर ऐसी बमबारी होगी कि आज तक किसी ने देखी नहीं होगी। आइए अमेरिका के B-2 स्पिरिट बॉम्बर के बारे में जानते हैं...
किसने बनाया और कैसा है डिजाइन?
B-2 स्पिरिट बॉम्बर को स्टील्थ बॉम्बर भी कहा जाता है। इस बॉम्बर को Northrop Grumman कंपनी ने डिजाइन किया और बनाया है। इस बॉम्बर के अमेरिका की वायुसेना इस्तेमाल करती है। इसे स्टील्थ बॉम्बर इसके अनोखे डिजाइन की वजह से कहा जाता है। इसे बनावट फ्लाइंग विंग जैसी है। इसकी बॉडी एक पंख जैसी, जिसमें कोई पूंछ नहीं है। अपने अनोखे डिजाइन के कारण ही बॉम्बर हवा में लंबे समय तक एक जगह पर स्थिर रह सकता है। रडार तक इस बॉम्बर को डिटेक्ट नहीं कर पाते। रात के अंधेरे में भी बॉम्बर दुश्मन के खेमे में घुसकर अटैक कर सकता है।
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क्या है B-2 स्पिरिट बॉम्बर की ताकत?
B-2 स्पिरिट 69 फीट लंबा है। इसे पंखों की फैलावट 172 फीट है। 80000 पाउंड वजह वाले हथियार ले जाने में बॉम्बर सक्षम है। 6000 नॉटिकल मील तक की दूरी तक बॉम्बर उड़ान भर सकता है। इस बॉम्बर में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है। इसकी स्पीड ध्वनि की स्पीड से थोड़ी कम मैक 0.95 है। बिना रुके बॉम्बर 11000 किलोमीटर की दूरी तक उड़ सकता है। हवा में ही इसमें ईंधन भरा जाए तो यह 19000 किलोमीटर दूर तक जा सकता है। यह बॉम्बर इतना पावरफुल है कि अमेरिका से उड़ान भरकर किसी भी महाद्वीप में घुसकर हमला कर सकता है, लेकिन B-2 बॉम्बर की ताकत इसकी मारक क्षमता है, क्योंकि इस बॉम्बर से परमाणु हथियार भी दागे जा सकते हैं।
B-2 स्पिरिट बॉम्बर दुनिया का सबसे महंगा बॉम्बर है, इसलिए अमेरिका भी ऐसे बॉम्बर बनाने का अपना टारगेट अचीव नहीं कर पाया। अमेरिका 132 बॉम्बर बनाना चाहता है, लेकिन आज तक केवल 21 बॉम्बर बना पाया। वर्तमान में 20 बॉम्बर हैं। एक बॉम्बर हादसे का शिकार हो गया था। महंगे होने के कारण ही इस बॉम्बर को अमेरिका ने आज तक किसी को नहीं बेचा, क्योंकि अमेरिका इसे सिर्फ अपने पास रखना चाहता है।