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ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी, रिपोर्ट में दावा- पुलिस महिलाओं की आंखों, प्राइवेट पार्ट को बना रही निशाना

Anti Hijab Protests: ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने वाले सुरक्षा बल अब कथित तौर पर महिलाओं के चेहरे, आंख और प्राइवेट पार्ट को शॉटगन से निशाना बना रहे हैं। वर्ल्ड मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। द गार्जियन ने गोलियों के घावों का इलाज करने वाले […]

Anti Hijab Protests: ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने वाले सुरक्षा बल अब कथित तौर पर महिलाओं के चेहरे, आंख और प्राइवेट पार्ट को शॉटगन से निशाना बना रहे हैं। वर्ल्ड मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। द गार्जियन ने गोलियों के घावों का इलाज करने वाले डॉक्टरों का हवाला देते हुए बताया कि सुरक्षा बलों ने महिलाओं के चेहरों, स्तनों और जननांगों को निशाना बनाते हुए प्रदर्शनकारियों पर बर्डशॉट पेलेट्स दागे। यूएस मीडिया का दावा है कि प्रदर्शन में शामिल पुरुषों के पैरों, प्राइवेट पार्ट और पीठ को निशाना बनाया जा रहा है। और पढ़िएTime Magazine 2022 पर्सन ऑफ द ईयर बने वलोडिमिर जेलेंस्की, ये नाम भी शामिल

इलाज करने वाले डॉक्टर ने किया चौंकाने वाला दावा

घायल प्रदर्शनकारियों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने दावा किया और कहा कि मैंने शुरुआत में एक महिला का इलाज किया था, जिसके प्राइवेट पार्ट में बर्डशॉट पेलेट्स दागे गए थे। उसकी जांघ से 10 छर्रों को निकाला गया था। उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान मैंने ये महसूस किया कि पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीकों से टार्गेट किया गया था। और पढ़िएRussia Ukraine War: खून से लथपथ लड़ाकू विमान के पायलट ने ली सेल्फी, जेलेंस्की ने दिया ‘Hero of Ukraine’ का सम्मान बता दें कि कुर्द मूल की 22 साल की ईरानी युवती महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद 16 सितंबर से ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं, जिन्हें कथित तौर पर शरिया-आधारित हिजाब कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाएं हिजाब का पालन नहीं कर रही हैं। इस बीच, ईरानी अधिकारियों ने इस अव्यवस्था और अशांति के पीछे संयुक्त राज्य अमेरिका, इज़राइल, यूरोपीय शक्तियों और सऊदी अरब का हाथ बताया। बता दें कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य हो गया था। और पढ़िए -  दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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