Indian student attack in America: अमेरिका में एक बार फिर भारतीय स्टूडेंट पर जानलेवा हमला हुआ है। यहां शिकागो में तीन हमलावरों ने सड़क पर खाना लेकर जा रहे सैयद मजाहिर अली पर हमला किया और उससे लूटपाट कर फरार हो गए। लूटपाट का विरोध करने पर बदमाशों ने उसकी जमकर पिटाई लगाई। घटना के बाद घायल छात्र और उसका पीछे दौड़ रहे आरोपियों की वीडियो वायरल हो रही है।
लगातार क्यों हो रही भारतीय छात्रों की मौत
वीडियो में छात्र खून से लथपथ मदद की गुहार लगा रहा है। वीडियो में उसने बताया कि बदमाशों ने उसके साथ मारपीट की और उसका मोबाइल और अन्य कीमती सामान लेकर भाग गए। चौंकाने वाली बात यह है कि बीते एक हफ्ते में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिकामें तीन भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है। इससे पहले जनवरी में 5 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है।
इंडियन स्टूडेंट्स के साथ हो रही वारदातों पर उठ रहे सवाल?
शिकागो के ताजा मामले में अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी पीड़ित के परिजनों से हैदराबाद में संपर्क में होने और उसकी हर संभव मदद करने की बात कह रहे हैं। लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि आखिर इंडियन स्टूडेंट्स के साथ ही क्यों अमेरिका में बार-बार ऐसी वारदातें हो रही हैं? कभी भारतीय छात्र की लापता होने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत तो कभी लूटपाट के दौरान जानलेवा हमला?
नस्लीय भेदभाव का शिकार होना पड़ा
क्या यह हमले केवल लूटपाट के इरादे से हो रहे हमले हैं?, क्या यह केवल आपराधिक घटनाएं हैं? या फिर इन सब के पीछे कुछ ऐसा है जो यूएस में रह रहे भारतीय या फिर इंडिया से वहां पढ़ने और कामयाब होने की ख्वाहिश लिए छात्र लंबे समय से झेल रहे हैं। अगर इन सब सवालों की तह तक जाएं तो पता चलता है कि अमेरिका में रह रहे भारतीयों को हमेशा से नस्लीय भेदभाव का शिकार होना पड़ा है। अमेरिकी सरकार चाहे कितना भी इससे इन्कार करे और भारतीय दूतावास इस विषय पर जांच करने का आश्वासन दे, अमेरिकी छात्रों को या फिर ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता भारतीय हैं और वह बचपन से अमेरिकी स्कूल में पढ़ रहे हैं उन्हें कभी न कभी नस्लीय भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।
एक हफ्ते में यह हो चुका है
ताजा मामले में वीडियो के अनुसार तीन हमलावर अली का पीछा करते हुए नजर आ रहे हैं। बाद में उन्होंने शिकागो पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उनके साथ लूटपाट और मारपीट की है। इससे पहले पिछले हफ्ते ओहियो में भारतीय छात्र श्रेयस रेड्डी की मौत हुई। 30 जनवरी को पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के नील आचार्य लापता होने के बाद मृत पाए गए। 29 जनवरी विवेक सैनी पर एक स्टोर में हथौड़े से हमला होता है।
यह आंकड़ें कर रहे तस्दीक
संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार साल 2018 से दिसंबर 2023 तक अमेरिका में 36 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है। अमेरिका की प्राइवेट संस्था द इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (आईआईई) की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में इंडियन स्टूडेंट्स को high level of anxiety का सामना करना पड़ा है। जिसका कारण छात्रों ने पढ़ाई और नौकरी के अलावा फिजिकल सिक्योरिटी, अपनी पहचान की कमी होना बताया है। इसके अलावा साल 2022 की एक रिपोर्ट में पता चला था कि भारतीय अमेरिकियों को रेगुलर प्रीस्कूल से ही नस्लीय और जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है।