India withdraw Soldier From Maldives: मालदीव में 17 नवंबर को मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। समारोह के लिए भारत के पीएम को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन समारोह में पहुंचे मंत्री किरेन रिजिजू।
किरेन रिजिजू से पहली मुलाकात में ही मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को निकालने की मांग की। यह जानकारी मोहमम्द मुइज्जू के ऑफिस ने दी है। बता दें कि चीन समर्थक मुइज्जू ने चुनाव अभियान के दौरान 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाया था। गौरतलब है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण शिपिंग रुट पर स्थित मालदीव में भारत के 70 सैनिक तैनात हैं। भारत में मालद्वीव में कोई सैन्य अड्डा नहीं बना रखा है बल्कि मालदीव की मदद के लिए भारत ने इन सैनिकों को वहां रखा है।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपने पहले भाषण में ही उन्होंने कहा कि मालदीव ने अपनी रेड लाइन बना रखी है। हम किसी भी देश को यह लाइन पार नहीं करने देंगे। मालदीव यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी जमीन पर कोई भी विदेश सैनिक मौजूद नहीं हो। उन्होंने कहा कि मेरा यह कर्तव्य है मैं देश के प्रति वफादार हूं।
मालदीव के रडार और निगरानी सिस्टम को ऑपरेट करते हैं भारतीय सैनिक
1200 छोटे-छोट द्वीपों से बना मालदीव हिंद महासागर में भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। 6.1 अरब की जीडीपी वाले देश पर जीडीपी का 113 प्रतिशत कर्ज है। भारत ने मालदीव की मदद के लिए रडार और निगरानी विमान दिए थे। भारतीय सैनिक फिलहाल इन्हें ऑपरेट करने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा भारत के युद्धपोत मालदीव के समुद्र में निगरानी करने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं भारत ने मालदीव को दो ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकाॅप्टर और एक डोर्नियर विमान भी दिया है। भारत के सैनिक मालदीव के सैनिकों को प्रशिक्षण भी देते हैं।
मालदीव की हर तरह से मदद करते हैं भारतीय सैनिक
भारत मालदीव को नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में भी मदद करता है। इसके साथ ही दूर के इलाकों में गंभर रूप से बीमार लोगों की मदद भी करता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पिछले 5 साल में भारतीय जवानों ने गंभीर बीमार लोगों को भारत लाकर 523 से अधिक लोगों की जान बचाई है। इसी अवधि में भारतीय सैनिकों ने मालदीव के नागरिकों की सुरक्षा के लिए 450 से अधिक मिशन चलाए हैं।
भारत को इसलिए है चिंता
बता दें कि मालदीव भारत के लक्षद्वीप से 700 किमी. और भू-भाग से 1200 किमी. की दूरी पर स्थित हैं। चीन समर्थक मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद अब वहां पर भारत के लिए परिस्थितियां काफी गंभीर हो गई है। चीज मालदीव के जरिए हिंद महासागर में अपने वारशिप तैनात कर सकता है। मालदीव भौगोलिक रूप से पूरब और पश्चिम को जोड़ने वाले शिपिंग रुट पर स्थित हैं। ऐसे में भारत समेत यूरोपीय देशों की चिंताएं बढ़ना लाजिमी है।