भारत हमारा परखा हुआ दोस्त, 1971 से ही साथ खड़ा रहा: बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना
Shiekh Hasina
नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को एक परखा हुआ दोस्त बताया है। बता दें कि पीएम हसीना सोमवार को भारत के दौरे पर आ रही हैं। इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक फ्री-व्हीलिंग टेलीविजन बातचीत में भारत की जमकर प्रशंसा की।
पीएम हसीना ने कहा, 'रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद पूर्वी यूरोप में फंसे बांग्लादेश के छात्रों को बचाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहल की सराहना की।' उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी अपना धन्यवाद ज्ञापित करना चाहती हूं, क्योंकि जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान, हमारे कई छात्र बस फंस गए थे और वे आश्रय के लिए पोलैंड आए थे। तब भारत ने अपने छात्रों के साथ हमारे छात्रों को भी निकाल लिया। भारत ने स्पष्ट रूप से दोस्ताना इशारा दिखाया है। मैं इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं।'
इसके अलावा कोरोना महामारी से निपटने के लिए मदद करने के लिए भी पीएम हसीना ने पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत पड़ोसी देशों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान की थी। उन्होंने कहा, 'यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई एक बहुत ही विवेकपूर्ण पहल थी। मैं वास्तव में इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देती हूं, और इस तरह उन्होंने ना केवल बांग्लादेश, बल्कि कुछ दक्षिण एशियाई देशों को भी टीकों की आपूर्ती की, और यह वास्तव में बहुत मददगार रहा। इसके अलावा हमने अपने पैसे से टीके खरीदे, और कई अन्य देशों ने भी योगदान दिया।"
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने दोनों पड़ोसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन इन्हें बातचीत के जरिए संबोधित किया जाना चाहिए और कई क्षेत्रों में भारत और बांग्लादेश ने ठीक वैसा ही किया है। दरअसल, पीएम हसीना विशेष रूप से पश्चिमी पर्यवेक्षकों द्वारा की गई उन टिप्पणियों के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिनमें सार्क देशों के बीच सहयोग की कमी की बात दोहराई जाती है।
इस दौरान हसीना ने भारत को एक परखे हुए मित्र के रूप में संदर्भित किया और कहा कि भारत हर जरूरत की घड़ी में बांग्लादेश के साथ खड़ा था, पहले 1971 में और फिर बाद के समय में भी। उन्होंने कहा, 'हम हमेशा 1971 के युद्ध के दौरान उनके योगदान को याद करते हैं। और इसके अलावा, 1975 के अलावा, जब हमने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था। तो, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया। इसके अलावा, आप देखिए, ये दोनों देश, हम पड़ोसी हैं, करीबी पड़ोसी हैं और मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व और प्राथमिकता देती हूं।'
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