Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव डायलॉग क्या है? क्यों अहम है अजित डोभाल की चीन यात्रा

NSA Ajit Doval Visit to China : भारत और चीन के बीच एक बार फिर स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव डायलॉग की शुरुआत हो गई। इसे लेकर एनएसए अजित डोभाल चीनी दौरे पर हैं, जहां उनकी मुकालात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हुई।

Ajit Doval (File Photo)
NSA Ajit Doval Visit to China : पांच साल के बाद भारत और चीन के बीच फिर से स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) डायलॉग की शुरुआत हुई। इसके लिए देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल दो दिवसीय चीनी दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान नई दिल्ली और बीजिंग में सीमा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी और यह दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनएसए अजित डोभाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को बीजिंग पहुंचा। अजित डोभाल ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भेंट की। इस दौरान दोनों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति-स्थिरता बनाए रखने और पिछले 4 सालों से ठप द्विपक्षीय संबंधों को फिर से बहाल करने समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई। आपको बता दें भारत और चीन ने अजित डोभाल और वांग यी को विशेष प्रतिनिधि बनाया है। यह भी पढे़ं : भेष बदल पाकिस्तान में रहे, सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड; Ajit Doval कैसे बने James Bond Of India? क्या है स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव डायलॉग? भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने से संबंधित बातचीत करने के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मैकेनिज्म (SRM) की स्थापना हुई थी। इसका मकसद सीमा विवाद का राजनीतिक समाधान ढूंढना था। इससे पहले दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव डायलॉग की बैठक हुई थी और इसके बाद गलवान घाटी में सीमा विवाद की वजह से यह बैठकें निलंबित कर दी गई थीं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2020 की शुरुआत में सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बातचीत की थी। दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने भारत-चीन सीमा विवाद को हल करने के लिए अपने विचार व्यक्त किए थे। यह भी पढे़ं : ‘2020 के बाद से भारत-चीन के बीच रणनीतिक विश्वास खत्म’, LAC गतिरोध पर चीनी राजनायिक से बोले अजीत डोभाल जानें क्यों अहम है अजित डोभाल की चीन यात्रा? एनएसए अजित डोभाल की चीन यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। बीजिंग में अजित डोभाल अपने चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता करेंगे और दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में 21 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी और गश्त पर हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस वार्ता से पहले चीन ने मंगलवार को कहा था कि वे 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार हैं।


Topics:

---विज्ञापन---