फेक ट्रैवल एजेंटों पर नकेल कसने के लिए ट्रूडो सरकार का बड़ा फैसला; भारतीयों के लिए लागू करेगा ग्रेडिंग सिस्टम
India-Canada Row: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद पनपे विवाद के बीच कनाडा ने नए नियम जारी किए हैं। ये नियम फर्जी ट्रैवल एजेंटों को लगाम लगाने के लिए हैं। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार की तरफ से स्टडी वीजा को लेकर जारी किए गए नए नियम के मुताबिक कनाडा का वीजा पाने के लिए अब लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। असली छात्रों को वीजा मिलेगा और नकली को डिपोर्ट कर दिया जाएगा।
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फर्जी एडमिट कार्ड वाले 1500 से अधिक छात्र वीजा आवेदनों की पहचान कर चुकी है आईआरसीसी टास्क फोर्स
उल्लेखनीय पहलू है कि आईआरसीसी टास्क फोर्स पहले ही फर्जी एडमिट कार्ड वाले 1500 से अधिक छात्र वीजा आवेदनों की पहचान कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इनमें से 450 छात्र फर्जी एडमिट कार्ड के सहारे किसी तरह कनाडा पहुंच गए। 263 मामलों की जांच की जा रही है, जिनमें से 60 मामले असली और 103 मामले फर्जी पाए गए हैं। अब ऐसे मामलों पर काबू पाने के लिए कनाडा की सरकार ने नया कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि नए बदलाव में कनाडा सरकार ने भारत के सभी एजेंटों की ग्रेडिंग का फैसला किया है।
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इसके तहत जल्द ही सही ढंग से और कानून के मुताबिक काम करने वाली इमिग्रेशन कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। ऐसे संस्थानों के छात्रों को जल्दी वीजा दिया जाएगा, जो एजेंट वीजा फाइल में नकली दस्तावेज नहीं डालेंगे और उनके ग्रेड बेहतर होंगे। इनसे आवेदन करने वाले छात्रों को लंबी लाइन में इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए नियमों के अनुसार, कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अध्ययन परमिट जारी करने से पहले प्रवेश पत्र को उस कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित किया जाएगा। वहां से सत्यापन के बाद ही छात्रों को स्टडी वीजा जारी किया जाएगा। ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि एजेंटों ने कॉलेजों से जाली पत्र बनाना शुरू कर दिया था और हाल ही में 103 छात्रों की फाइलों में फर्जी पत्र पाए गए थे।
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कनाडा के मंत्री ने कहा-छात्राें को मिलेगी मदद
इस बारे में कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर का कहना है कि यह प्रावधान छात्रों की मदद के लिए है। कई बार छात्रों को भी नहीं पता होता कि उनका पत्र फर्जी है। नए नियमों के मुताबिक असली छात्रों को कोई दिक्कत नहीं होगी, जबकि फर्जी छात्रों को कनाडा में दाखिला नहीं दिया जाएगा. आईआरसीसी पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट कार्यक्रम मानकों का मूल्यांकन पूरा करेगा और कनाडाई श्रम बाजार की जरूरतों के साथ-साथ आप्रवासन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इसे बेहतर ढंग से संरेखित करने के लिए सुधार शुरू करेगा।
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