इजराइल-फिलिस्तीन की लड़ाई में ‘हिजबुल्लाह बना दीवाना’, UN ने किया प्रतिबंधित, कितना है खतरनाक?
How Is Terrorist Organization Hezbollah? Entry in Israel-Palestine War: इजराइल और फिलिस्तीन में जंग जारी है। जंग के कई वीभत्स पहलू भी सामने आ रहे हैं। इस जंग में 'हिजबुल्लाह' का नाम सामने आया है। आखिर ये हिजबुल्लाह है कौन? क्यों इसने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग में एंट्री की है। इसी बीच आज यानी रविवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी एक चेतावनी जारी की है।
न्यूज साइट एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को चेतावनी दी कि इजरायली सेना और हमास के बीच संघर्ष काफी लंबा और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि जंग में झड़पें बढ़ती जा रही है। परिणामस्वरूप दोनों देशों में मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
जंग के बीच रविवार को लेबनान में ईरान समर्थित दुर्जेय समूह हिजबुल्लाह ने घोषणा की कि उसने हमास के समर्थन के रूप में विवादित सीमा क्षेत्रों में इजरायली ठिकानों पर हमला किया है। साथ ही आतंकी संगठन ने लेबनान का साथ देने की भी घोषणा की। हालांकि इस घोषणा से पहले इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की थी।
कौन है हिजबुल्लाह और क्यों कर रहा है हमास का समर्थन?
संयुक्त राज्य अमेरिका, इजराइल और कई अन्य देशों की ओर से हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। हिजबुल्लाह लेबनान में स्थित एक शिया मुस्लिम राजनीतिक दल और आतंकवादी समूह है। इसकी स्थापना 1982 में लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से की गई थी। पिछले 40 वर्षों में यह संगठन काम कर रहा है और खतरनाक हथियारों से लैस एक आतंकवादी समूह के रूप में बदल गया है।
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ईरानी समर्थन
हिजबुल्लाह ईरान की ओर से समर्थित और वित्त पोषित संगठन है। पूरे अरब दुनिया में तेहरान के प्रभाव को फैलाने के लिए सक्रिय है। हमास को हिजबुल्लाह का समर्थन इजरायल के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। इजराइल को डर है कि हिजबुल्लाह हमास को एडवांस हथियार और प्रशिक्षण दे सकता है, जिससे हमास इजराइल के खिलाफ घातक हमला करेगा।
सबसे बड़ी उपलब्धि
पिछले 40 वर्षों से हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाली इजरायली सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध कर रहा है। मई 2000 में इजराइल की सेना को शांति संधि के बिना वापस जाने के लिए मजबूर किया गया, तो इस जीत ने मध्य पूर्व के चारों ओर से हिजबुल्लाह को मजबूती देने का काम किया। इसी जीत के बाद मध्य पूर्व में हिजबुल्लाह की लोकप्रियता और प्रभाव को बढ़ा दिया।
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सैन्य ताकत
हिजबुल्लाह ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी सैन्य ताकत को काफी तेजी से बढ़ाया है। उसके पास 1,00,000 प्रशिक्षित लड़ाके होने का दावा है। इसके पास एडवांस गाइडेड मिसाइलें और ड्रोन भी हैं। अब हिजबुल्लाह इराक और सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप में शामिल रहा है, जिसमें सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर असद की सेना को सहायता देना भी शामिल है।
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