Gotabaya Rajapaksa: पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अगले सप्ताह लौटेंगे श्रीलंका! पूर्व राजदूत ने दिए संकेत
नई दिल्ली: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अगले सप्ताह श्रीलंका लौटने के लिए तैयार हैं। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट की माने तो श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा ने संकेत दिया है कि गोटबाया 24 अगस्त को श्रीलंका लौटेंगे। वीरातुंगा 2006 से 2015 तक रूस में श्रीलंका के राजदूत रहे हैं। बता दें कि उदयंगा वीरातुंगा गोटबाया राजपक्षे के चचेरे भाई हैं।
पूर्व राजदूत ने कहा- तारीख बदल भी सकती है
राजपक्षे की वापसी पर एक सवाल के जवाब में पूर्व राजदूत वीरातुंगा ने कहा, 'तारीख बदल सकती है। आज जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। अगर वह बाद में तारीख बदल देता है तो मैं कुछ नहीं बोल सकता हूं।" बता दें कि वीरतुंगा को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कई महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
और पढ़िए –US का वीजा चाहिए तो थोड़ा रुकिए, अपॉइंटमेंट के लिए 2024 तक करना पड़ा सकता है इंतजार, देखें- दिल्ली, मुंबई का वेटिंग टाइम
गोटबाया में महिंदा जैसे कोई गुण नहीं हैं: वीरातुंगा
यह पूछे जाने पर कि क्या गोटबाया राजपक्षे फिर से राजनीति में शामिल होंगे, वीरतुंगा ने कहा कि वह एक चतुर राजनेता नहीं बल्कि एक चतुर अधिकारी थे। डेली मिरर के मुताबिक, वीरतुंगा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे एक राजनेता के रूप में चतुर है। वे एक चतुर सैन्य अधिकारी हैं। उनके पास महिंदा राजपक्षे जैसा कोई गुण नहीं है।
फिलहाल कहां हैं गोटबाया?
गोटबाया राजपक्षे पिछले हफ्ते सिंगापुर से रवाना होने के बाद थाईलैंड पहुंचे थे। राजपक्षे फिलहाल थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के एक होटल में ठहरे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका सरकार के अनुरोध के बाद उन्हें थाईलैंड में प्रवेश दिया गया था।
करीब एक महीने तक सिंगापुर में रहने के बाद उन्होंने पिछले गुरुवार को सिंगापुर छोड़ दिया। पूर्व राष्ट्रपति को पिछले महीने मालदीव से सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर 14 दिनों का यात्रा पास जारी किया गया था और उन्हें वहां दो सप्ताह तक रहने की अनुमति दी गई थी।
और पढ़िए –अफगानिस्तान: काबुल की मस्जिद में भीषण विस्फोट, कम से कम 20 की मौत, दर्जनों घायल
15 जुलाई को गोटबाया ने दिया था इस्तीफा
श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने 15 जुलाई को राजपक्षे के आधिकारिक इस्तीफे की घोषणा की थी। गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने 21 जुलाई को संसद में श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
विक्रमसिंघे को पहले श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था क्योंकि अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच नाराज प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया था और कब्जा कर लिया था, जिसके बाद राजपक्षे विदेश भाग गए थे।
और पढ़िए - दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here - News 24 APP अभी download करें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.