Electricity Consumption : जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इस समय पूरी दुनिया में धूम मचा रही है। मेडिसिन से लेकर एजुकेशन, म्यूजिक, कंप्यूटिंग समेत शायद ही ऐसा कोई सेक्टर हो जिस पर इसका असर देखने को न मिला हो। इस बात में कोई शक नहीं है कि अब हम एआई पावर्ड चैटबॉट और इमेज जेनरेट करने वाले टूल्स से आगे निकल आए हैं। लेकिन, जैसे-जैसे एआई बेहतर और एडवांस हुआ है वैसे-वैसे इसकी डिमांड भी बढ़ी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को काम करने के लिए बड़ी मात्रा में बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में एआई पर काम करने वाली 2 कंपनियों का इलेक्ट्रिसिटी यूज इतना ज्यादा बढ़ गया कि इन्होंने इस मामले में 100 से ज्यादा देशों को पीछे छोड़ दिया। ये कंपनियां हैं गूगल और माइक्रोसॉफ्ट। एक एनालिसिस के अनुसार साल 2023 में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने 48 TWh (टेरावाट-घंटा) बिजली कंज्यूम की थी। यह घाना-ट्यूनीशिया जैसे 100 से भी ज्यादा देशों से अधिक है।
क्यों बढ़ गया बिजली यूज?
एआई को लेकर एडवांसमेंट्स से होने वाली समस्याओं में पर्यावरण को नुकसान भी शामिल है। हालांकि, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दोनों ही रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर एक्टिव हैं और वैकल्पिक पावर सोर्स की खोज में जुटी हुई हैं। इन दोनों कंपनियों के कई डाटा सेंटर हैं जो क्लाउड स्टोरेज और कंप्यूटिंग जैसी क्लाउड सर्विसेज को चलाते हैं। ये डाटा सेंटर बड़ी मात्रा में बिजली खाते हैं। समय के साथ इन दोनों ही कंपनियां का इलेक्ट्रिसिटी इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है।