French Submarines Security Breach: यूरोपिय देश फ्रांस से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। फ्रांस से एक बड़ी खुफिया जानकारी लीक हो गई है। फ्रांस के खुफिया सैन्य बेस कैंप और 4 परमाणु सबमरीन से जुड़ी सेंसिटिव इंफोर्मेंशन लीक होने की खबर से पूरी दुनिया में सनसनी फैल गई है। हैरानी की बात तो यह है कि इस पूरी घटना के पीछे एक फिटनेस ऐप का हाथ है।
फिटनेस ऐप ने लीक किया डेटा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रांस की सैन्य पनडुब्बी में रहने वाले कुछ अधिकारियों ने एक फिटनेस ऐप का इस्तेमाल किया था। इसी फिटनेस ऐप के जरिए न सिर्फ पनडुब्बी की लोकेशन बल्कि उसकी पोजिशन और पैट्रोलिंग एक्टिविटी से जुड़ी जानकारी भी सामने आ गई है। यह पनडुब्बियां कब और कितने बजे गश्त लगाती हैं, इसकी इंफोर्मेंशन भी ऐप से लीक हो गई है। इस खबर ने कई लोगों के होश उड़ा दिए हैं।
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16 परमाणु बमों से लेस 4 पनडुब्बियां
इस फिटनेस ऐप का नाम स्ट्रावा है। पनडुब्बियों के चालक दल ने इसका इस्तेमाल किया था। वहीं जिन 4 पनडुब्बियों का डेटा लीक हुआ है, उन पर 16 परमाणु मिसाइल मौजूद हैं। इन पनडुब्बियों को ब्लैक बोट्स का नाम दिया गया है। खबरों की मानें तो यह पनडुब्बियां हिरोशिमा और नागासाकी से 1000 गुना बड़ी तबाही मचाने की ताकत रखती हैं।
फ्रांस की सीक्रेट लोकेशन
फ्रांस ने इन पनडुब्बियों को फिनिस्टेयर स्थित ब्रेस्ट हार्बर में छिपा कर रखा था। इसका नाम आइल लॉन्ग पनडुब्बी बेस है। यहां फ्रांस के 2000 से ज्यादा सैन्यकर्मी रहते हैं। इस बेस को फ्रांस का सबसे सीक्रेट प्लेन कहा जाता है। यह पूरा इलाका 24 घंटे कैमरे और ड्रोन की निगरानी में रहता है। वहीं इस बेस में मोबाइल फोन लेकर जाना भी मना है। बेस के चेक पॉइंट पर मोबाइल जमा हो जाता है, जिससे किसी को इसकी लोकेशन का पता न चल सके।
कैसे लीक हुआ डेटा?
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पनडुब्बी के चालक दल में मौजूद 450 से अधिक सैन्य अधिकारियों ने स्ट्रावा ऐप का इस्तेमाल किया है। फिटनेस चेक करने के लिए उन्होंने अंजाने में अपना पूरा शेड्यूल ऐप पर शेयर कर दिया, जिससे पनडुब्बी की जानकारी भी सभी के सामने आ गई। ऐप इस्तेमाल करने वाले सभी अधिकारियों ने अपनी प्रोफाइल भी सार्वजनिक रखी थी, जिससे सभी को इसके बारे में पता चल गया।
रूस और अमेरिका को भी खतरा
फ्रांसिसि अखबार Le Monde के अनुसार यह ऐप न सिर्फ फ्रांस बल्कि रूस और अमेरिका जैसे कई बड़े देशों के लिए खतरा बन सकता है। दरअसल फ्रांस, रूस और अमेरिका समेत कई देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के बॉडीगार्ड्स भी इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उनकी लोकेशन भी ऐप के माध्यम से लीक हो सकती है।
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