Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार की शाम अपने जमान पार्क स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान इमरान ने अपने देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से सामने आने की अपील की। पूर्व पीएम ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद है। आपकी एकता आवाम के लिए महत्वपूर्ण है। इस देश को बचाने के लिए आपको आगे आना होगा। लेकिन इमरान खान ने कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर नापाक हरकत की है।
इमरान खान ने सरकार बनाम खुद की लड़ाई को कश्मीरियों से जोड़ा। इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की तुलना कश्मीर की आवाम से करते हुए कहा कि उनके पास मौलिक अधिकार भी नहीं हैं। आज हम जिस क्रूरता का शिकार हो रहे हैं, वह पिछले 30 वर्षों से कश्मीर के लोगों पर थोपी गई है। लेकिन कश्मीरियों को जब भी आवाज उठाने का मौका मिलेगा, वे एक सुर में आजादी का नारा बुलंद करेंगे।
बातचीत के लिए कमेटी बनाने को तैयार
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि आज जो भी सत्ता में है, हम उनसे बातचीत के लिए एक समिति गठित करने को तैयार हूं। इमरान ने इशारों में सेना पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं समिति बना रहा हूं। लेकिन मेरे दो सवाल हैं। पहला कि क्या लोकतंत्र को बचाने के लिए उनके पास कोई समाधान है या देश मेरे बिना बेहतर काम कर सकता है? अक्टूबर में चुनाव कराने से पाकिस्तान को क्या फायदा होगा? हमें इन दो बातों पर विश्वास दिलाओ। मैं एक समिति बना रहा हूं और कल इसकी घोषणा करूंगा।
मुझे बाहर करने के चक्कर में देश कर रहे बर्बाद
पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा है कि उन्हें बाहर करने की कोशिश करने वाले देश को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने देश की आर्थिक बदहाली का मुद्दा उठाया। कहा कि लोग अपना डॉलर बेच रहे हैं और सरकार करदाताओं का सारा पैसा ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है। पाकिस्तान को उबारने का कोई रोडमैप नहीं है। पाकिस्तान डूब रहा है।
पीटीआई को खत्म नहीं कर सकते
इमरान खान ने कहा है कि यह अत्याचार पीटीआई को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उसकी लोकप्रियता को बढ़ाएगा। मैं विश्वास के साथ यह कह सकता हूं कि जब भी मैं पीटीआई के टिकट बांटूंगा और जिसे भी दूंगा... वही जीतेगा। उन्होंने मानवाधिकार संगठन पर तंज कसा। इमरान खान ने कहा कि हमारे बीच मानवाधिकार संगठन जो लोकतंत्र के सिपाही थे, क्या वे नहीं देखते कि जो हो रहा है उसका परिणाम केवल पीटीआई को नुकसान होगा, बल्कि लोकतंत्र को कुचलना भी होगा। समय आ रहा है जब लोकतंत्र अपना अंत देखेगा।