Sanctions on Indian Companies: अमेरिका के बाद यूरोपियन यूनियन ने 3 तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर भारत को झटका दिया है. रूस से तेल व्यापार करने और रूस की तेल कंपनियों से लिंक होने के कारण भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है, ताकि भारत पर आर्थिक दबाव आए और वह रूस से तेल खरीदना बंद कर दे.
इससे पहले अमेरिका ने रूस की 2 तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था और वहीं रूस से तेल व्यापार के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने बतौर पैनल्टी 25 प्रतिशत टैरिफ भारत पर लगाया हुआ है. बता दें कि यह प्रतिबंध रूस पर आर्थिक दबाव डालने के लिए लगाए जा रहे हैं, ताकि रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए आर्थिक मदद न मिले.
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संघ ने 45 कंपनियों पर लगाया है प्रतिबंध
बता दें कि यूरोपियन यूनियन ने रूस पर आर्थिक दबाव डालने के मकसद से दुनियाभर की 45 कंपनियों को प्रतिबंधित किया है, जिनमें भारत की 3 कंपनियां भी शामिल हैं. वहीं जिन कंपनियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल मशीन टूल्स, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) और अन्य प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं.
आरोप हैं कि यह कंपनियां रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की सैन्य और मिलिट्री इंडस्ट्री को फंडिंग कर रही हैं. प्रतिबंधित 45 कपंनियों में 12 कंपनियां चीन और हांगकांग की हैं. 3 भारत और 2 थाईलैंड की कंपनियां हैं. बाकी कंपनियों वे हैं, जिनके प्लांट्र, ऑफिस या फैक्ट्री रूस में नहीं हैं, लेकिन रूस की तेल कंपनियों से उनके लिंक हैं.
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भारत की इन कंपनियों को किया गया बैन
बता दें कि यूरोपियन यूनियन ने भारत की जिन 3 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें एयरोट्रस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, असेंड एविएशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और श्री एंटरप्राइजेज शामिल हैं. एरोट्रस्ट कंपनी एविएशन सेक्टर से जुड़ी है और रूस को तकनीकी सहायता प्रदान करती है.
दूसरी कंपनी पर रूस को किए जाने वाले निर्यात पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप है. तीसरी कंपनी नॉर्मल बिजनेस कंपनी है, जिस पर रूस की सेना को फंड देने का आरोप हैं, लेकिन बता दें कि यूरोपियन यूनियन के प्रतिबंधों पर भारत की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.