‘किसी ने जवान बेटा, किसी ने खोया पूरा परिवार’, नेपाल भूकंप के पीड़ितों की दर्दनाक कहानी
Inside Story of Two Sister Who lost Family (Pic Crdit- Kathmandu Post)
Earthquake in Nepal Inside Story of Two Sister Who lost Family: नेपाल में 3 नवंबर को आए 6.4 की तीव्रता के भूकंप से अब तक 157 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप के कारण 8000 से ज्यादा घर तबाह हो चुके हैं। पुलिस और सेना के कर्मी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। नेपाल में भीषण ठंड के बीच लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। इस बीच भारत ने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए राहत सामग्री भेजी है।
शुक्रवार 3 नवंबर को आए भूकंप के केंद्र जाजरकोट में भेरी नगर पालिका-1 के रावतगांव की दो बहनें उर्मिला रावत और चंद्रकला रावत बहुत दुखी हैं। वे भूकंप से हुई तबाही की भयावहता को देखकर स्तब्ध हैं। शुक्रवार रात को आए इस भूकंप में घर के मलबे में उनके बेटे-बेटियों और अन्य रिश्तेदारों की मौत हो गईं। उर्मिला रावत ने अपने दो जवान बेटों को इस भूकंप में खो दिया। जबकि चंद्रकला के एक बेटे और बेटी की भी मलबे में दबकर मौत हो गई। इन मौतों से हर कोई गमजदा है। गांव के अधिकांश घर खंडहर हो गए हैं।
पड़ोसी फर्स्ट की नीति के तहत भेजी राहत सामग्री
शनिवार शाम तक नगरपालिका के वार्ड 1 में कुल 31 लोगों की मौत हो गई, जबकि जिले में मरने वालों का कुल आंकड़ा 105 है। इस बीच भारत ने भी भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए मानवीय सहायता भेजी है। भारत ने नेपाल को 100 मिलियन रुपये की आपातकालीन राहत सामग्री की पहली खेप भेजी है। काठमांडू में भारतीय दूतावास ने कहा कि शुक्रवार आधी रात को जाजरकोट में आए भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के अनुसार सामग्री रविवार को नेपालगंज पहुंच गई।
भारत ने भेजी 11 टन राहत सामग्री
भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान सी-130 ग्लोबमास्टर 11 टन से अधिक राहत सामग्री लेकर नेपालगंज पहुंचा। इसमें प्रभावित लोगों के लिए टेंट और तिरपाल चादरें, कंबल और स्लीपिंग बैग के साथ-साथ आवश्यक दवाएं और पोर्टेबल वेंटिलेटर जैसे चिकित्सा उपकरण शामिल थे। नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने करनाली के मुख्यमंत्री राज कुमार शर्मा की उपस्थिति में नेपाल के उप प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री पूर्ण बहादुर खड़का को सौंपी। दूतावास ने कहा कि आने वाले दिनों में राहत सामग्री की और खेप आने की उम्मीद है। भारत नेपाल में भूकंप से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि नेपाल में 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भी भारत ने ऑपरेशन मैत्री के तहत सहायता प्रदान की थी।
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