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भूटान के बाद अब इस देश में भूकंप के झटके, रिएक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता? 139 किमी गहराई

Earthquake in Myanmar after Bhutan: भूटान के अगले दिन आज म्यांमार में सोमवार शाम भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए. रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 मापी गई. भूकंप का केंद्र 139 किमी की गहराई पर, 24.96 ° N के अक्षांश और 95.12 ° E के देशांतर पर था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने X पर भूकंप के बारे में जानकारी दी.

भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील माने जाने देश म्यांमार में सोमवार शाम फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए

Earthquake in Myanmar after Bhutan: भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील माने जाने देश म्यांमार में सोमवार शाम फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, झटके सोमवार शाम 5:39 बजे दर्ज किए गए. भूकंप का केंद्र 139 किमी की गहराई पर, 24.96 ° N के अक्षांश और 95.12 ° E के देशांतर पर था. NCS के अनुसार, बीते दिन भूटान में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया था. बीते दिन भूकंप 10 किमी की उथली गहराई पर आया था, जिससे यह झटकों के लिए अतिसंवेदनशील है. म्यांमार लंबे समुद्र तट पर मध्यम और बड़ी तीव्रता के भूकंपों और सुनामी के खतरों के प्रति संवेदनशील है. म्यांमार भूकंप जोखिम वाले देशों में शामिल है, क्योंकि यह चार बड़ी टेक्टॉनिक प्लेटों- भारतीय, यूरेशियन, सुंडा, और बर्मा प्लेट के बीच स्थित है.

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म्यांमार में आते रहते हैं भूकंप

NCS) के मुताबिक बीते 16 नवंबर को भी म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. प्लेटों की टक्कर और खिसकने की प्रक्रिया यहां बार-बार हलचल पैदा करती है. म्यांमार का लंबा समुद्री तट इसे सुनामी जैसे जोखिमों के प्रति भी संवेदनशील बनाता है. इसकी गहराई महज 10 किलोमीटर थी, ऐसे भूकंप जमीन के बहुत करीब ऊर्जा छोड़ते हैं, इसलिए इनके बाद झटकों का खतरा भी ज्यादा रहता है. इससे पहले 14 नवंबर को भी म्यांमार में 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था. यह भूकंप 35 किलोमीटर की गहराई पर आया था. NCS ने उस वक्त भी एक्स पर इसकी जानकारी दी थी.

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मार्च में मारे गए थे 3500 से ज्यादा लोग

मध्य म्यांमार में इसी साल 28 मार्च को आए 7.7 और 6.4 तीव्रता के भूकंपों में करीब 3500 से ज्यादा लोग मारे गए थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए चेतावनी भी जारी की थी. 1,400 किलोमीटर लंबा ट्रांसफॉर्म फॉल्ट म्यांमार से होकर गुजरता है और अंडमान के प्रसार केंद्र को उत्तर में एक टकराव क्षेत्र से जोड़ता है जिसे सागाइंग फॉल्ट कहा जाता है हालाँकि यांगून फॉल्ट ट्रेस से अपेक्षाकृत दूर है, फिर भी अपनी घनी आबादी के कारण यह काफ़ी जोखिम में है. उदाहरण के लिए, 1903 में बागो में 7.0 तीव्रता का एक तीव्र भूकंप आया था, जिसने यांगून को भी प्रभावित किया था. NCS की रिपोर्ट के अनुसार सतही भूकंप बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं, क्योंकि इनकी ऊर्जा सीधे धरातल पर पहुंचती है.

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