Trump on Tomahawk Missiles: अमेरिका टॉमहॉक मिसाइलें यूक्रेन को देगा या नहीं, इस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने फैसला ले लिया और उनका यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने का अभी कोई विचार नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे अपना माइंडसेट बदल सकते हैं, लेकिन अभी मिसाइलें देने का कोई प्लान नहीं है. एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन और रूस मिलकर समस्या का समाधान करें. अमेरिका को टॉमहॉक मिसाइलों की जरूरत है, यह कहकर जेलेंस्की को टरका दिया था, लेकिन अगर युद्धविराम नहीं हुआ तो वे मिसाइलें दे सकते हैं.
अमेरिकी रक्षा विभाग दे चुका है मंजूरी
बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने राष्ट्रपति ट्रंप के सामने टॉमहॉक मिसाइलों की डिमांड की थी. अमेरिका के रक्षा विभाग ने तो जेलेंस्की के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन अंतिम फैसला राष्ट्रपति ट्रंप को लेना था, जो उन्होंने ले लिया है. वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि अगर ट्रंप ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें दे दीं तो रूस के लिए खतरा पैदा होगा. टॉमहॉक मिसाइलें मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग तक हमला करने में सक्षम हैं और अगर टॉमहॉक मिसाइल से रूस पर हमला हुआ तो परमाणु हथियारों से हमले का जवाब दिया जाएगा, इसलिए ट्रंप सोच विचार कर फैसला लें.
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अमेरिका के पास कितनी मिसाइलें हैं?
बता दें कि अमेरिका के पास करीब एक हजार टॉमहॉक मिसाइले हैं और एक मिसाइल की कीमत 2 मिलियन डॉलर है. टॉमहॉक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जिसे नेवी इस्तेमाल करती है. यह मिसाइल 1600 से 2500 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की काफी समय से अमेरिका से यह मिसाइलें मांग रहे हैं, लेकिन अगर यूक्रेन को मिसाइलें मिल गईं तो रूस के ऑयल टर्मिनल, आर्म्स डिपो और एयरपोर्ट, एयरफील्ड उसके निशाने पर आ जाएंगे. यह मिसाइलें यूक्रेन को सैन्य मजबूती प्रदान करके गेम को पूरी तरह चेंज कर सकते हैं.
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