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राष्ट्रपति ट्रंप को बड़ा झटका, H-1B वीजा की एक लाख डॉलर फीस के खिलाफ कोर्ट पहुंचे 19 अटॉर्नी जनरल

Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक और कानूनी पचड़े में फंस गए हैं. अब उनके खिलाफ H-1B वीजा की एक लाख डॉलर फीस को लेकर केस दर्ज किया गया है. फीस बढ़ाने के उनके फैसले को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है, ताकि इसके कारण खड़ी हुई मुश्किलें कम हो सकें.

राष्ट्रपति ट्रंप ने सितंबर महीने में ही वीजा फीस को लेकर आदेश जारी किया था.

Court Case Against Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ 19 राज्यों के अटॉर्नी जनरलों ने केस दायर किया है, जिसमें H-1B वीजा की फीस एक लाख डॉलर करने की उनकी पॉलिसी को चुनौती दी गई है. जिन राज्यों ने केस दर्ज किया है, उनमें ओरेगॉन, एरिजोना, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, हवाई, इलिनोइस, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिनेसोटा, नॉर्थ कैरोलिना, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, रोड आइलैंड, वर्मोंट, वाशिंगटन और विस्कॉन्सिन शामिल हैं.

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एजुकेशन सेक्टर के लिए हानिकारक फैसला

ओरेगॉन के अटॉर्नी जनरल डैन रेफील्ड ने इसकी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने वीजा की फीस बढ़ाने के फैसले को हानिकारिक बताया है. उन्होंने कहा कि इससे पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में डॉक्टरों, रिसर्चर्स, नर्सों और टीचर्स जैसे ट्रेन्ड विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने में मुश्किल आएगी. क्योंकि कॉलेज, यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स लैब वर्क और कोर्स के लिए दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर निर्भर हैं, लेकिन इससे उनकी नियुक्ति करना अंसभव हो जाएगा.

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टीचर्स-रिसर्चर्स को स्पॉन्सर करती यूनिवर्सिटी

उच्च शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताते हुए रेफील्ड ने कहा कि ओरेगॉन स्टेट यूनिवर्सिटी 150 से ज्यादा H-1B वीजा धारक कर्मचारियों को स्पॉन्सर करती है, जबकि ओरेगॉन नेशनल यूनिवर्सिटी 50 से ज्यादा वीजा होल्डर्स को स्पॉन्स करती है. दोनों संस्थान महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए इस वीजा प्रोग्राम पर बहुत अधिक निर्भर हैं, लेकिन बढ़ी हुई फीस से पद खाली रह जाने का खतरा है, जिससे एजुकेशन, रिसर्च और सार्वजनिक सेवा के उद्देश्यों को नुकसान पहुंचेगा.

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संघीय कानून का उल्लंघन करती है नई फीस

याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) द्वारा लागू की गई वीजा पॉलिसी प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम (APA) के तहत मिले अधिकार का उल्लंघन करके संघीय कानून का उल्लंघन करती है. यह नीति गृह सुरक्षा सचिव को यह तय करने का अधिकार देती है कि किन वीजा आवेदकों को फीस देनी होगी और किन्हें छूट दी जाएगी. राष्ट्रपति ट्रंप ने 19 सितंबर को आदेश जारी किया था कि नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए अब 100000 अमेरिकी डॉलर देने होंगे.

सामान्य लागत से ज्यादा है वीजा की नई फीस

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, नई फीस केवल उन व्यक्तियों या कंपनियों पर लागू होगी, जो 21 सितंबर 2025 के बाद नए H-1B आवेदन दाखिल करते हैं या H-1B लॉटरी में भाग लेते हैं. वर्तमान वीजा धारकों और 21 सितंबर से पहले जमा हुए आवेदकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आवेदन के साथ 100्र000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क जमा करना अनिवार्य है. याचिका में इस फीस को सामान्य लागत से कहीं ज्यादा बताया गया है, जो 960 अमेरिकी डॉलर से 7595 अमेरिकी डॉलर तक होती है.


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