Who Is Dawood Ibrahim: ‘गली का गुंडा’ कैसे बन गया अंडरवर्ल्ड का डॉन? हवलदार पिता ने पकड़ा था सबसे पहले
Dawood Ibrahim
Underworld Don Dawood Ibrahim Profile: पिता मुंबई पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। 7 भाई, 4 बहनें, मुंबई की डोंगरी में रहकर साधारण-सी जिंदगी जीने वाले परिवार का लड़का पहले गलियों में छोटे-मोटे झगड़े किया करता था। दोस्तों के झगड़े निपटाते, उनकी मदद करते-करते तेज तर्रार लड़का कब 'गली का गुंडा' और फिर अंडरवर्ल्ड का डॉन बन गया, आज तक खुद दाऊद इब्राहिम भी नहीं समझ पाया होगा। यूं तो दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड डॉन होने के नाते सुर्खियों में रहता ही है, लेकिन आज वह इसलिए चर्चा में है, क्योंकि उसकी तबीयत खराब है और उसकी हत्या किए जाने की अफवाह फैली हुई है। इस बीच आइए जाते हैं कि कभी 'गली का गुंडा' कहलाने वाला लड़का अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह कैसे बना?
असली नाम और परिवार?
26 दिसंबर 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गांव खेड़ में कोंकणी मुस्लिम परिवार में जन्मे दाऊद का पूरा नाम शेख दाउद इब्राहिम कास्कर है। पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में हवलदार थे। परिवार मुंबई के डोंगरी में रहता था। दाऊद के 7 भाई और 4 बहनें थीं। हुमांयू कासकर सबसे छोटा भाई था, जिसकी मौत कैंसर से हो चुकी है। 1981 में दाऊद के बड़े भाई की मुंबई में पठान गैंग ने हत्या की थी। पाकिस्तान में सरदार रहमान गैंग ने उसके दूसरे भाई नूरा कासकर को अगवा करके 200 करोड़ मांगे, लेकिन दाऊद दे नहीं पाया तो उसे मार दिया गया। दाऊद के 3 भाई अनीस इब्राहिम, इकबाल कासकर, मुस्तकीम अली कासकर पाकिस्तान में रहते हैं। दाऊद की 4 बहनें हसीना पारकर, सईदा पारकर, फरजाना तुंगेकर और मुमताज शेख थीं। हसीना पारकर और फरजाना तुंगेकर की मौत हो चुकी है। महजबीन से शादी की और 4 बच्चे हुए, जिनमें महरुक, मेहरुन और मोइन शामिल हैं। तीनों बच्चे शादीशुदा हैं, लेकिन एक बेटी की मौत हो चुकी है। पाकिस्तानी नागरिक बनने के लिए दाऊद ने पठानी परिवार की लड़की से दूसरी शादी भी की।
कैसे रखा जुर्म की दुनिया में कदम?
डोंगरी के अहमद सैलर हाई स्कूल में पढ़ने वाले दाऊद ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी। डोंगरी इलाके में ही हाजी मस्तान से मुलाकात हुई और अपने शौक पूरे करने के लिए वह चोरी, लूट, डकैती, स्मगलिंग करने लगा। इस बीच उसने करीम लाला गिरोह के लिए भी काम किया। इसके चलते दाऊद और हाजी मस्तान के बीच झगड़ा हुआ। मस्तान ने दाऊद के 2 लोगों पर हमला किया। इसके बाद दाऊद ने अपने भाई शब्बीर इब्राहिम कास्कर के साथ मिलकर डी-कंपनी शुरू की। 1977 में दाऊद इब्राहिम ने हाजी अली में स्मगलरों की नाव लूटी थी, इसके बाद उसने पलट कर नहीं देखा। वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया, मुंबई से दुबई तक पहुंच गया। वहां से ISI कनेक्शन और फिर पाकिस्तान पहुंच गया। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भड़के दंगों ने डॉन दाऊद को आतंकवादी बना दिया। 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट का वह मास्टरमाइंड है। इसके बाद वह भारत का मोस्टवांटेड बन गया। 12 मार्च 1993 को मुंबई में 13 जगह ब्लास्ट हुए, जिसमें 257 लोग मारे गए थे। आज कई देशों की पुलिस उसे तलाश रही है। 2003 में दाऊद इब्राहिम को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था।
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पिता ने किया था गिरफ्तार, बेल्ट से की थी पिटाई
दाऊद की 1987 में हाजी मस्तान के साथ लड़ाई हुई। उसने बदला लेने के लिए हाजी की कैश वैन लूटने की योजना बनाई। नुसरत खान, एजाज सिद्दिकी, अजीज चालक, शेर खान के साथ मिलकर साजिश रची और मस्जिद बंदर रोड से बोरा बाजार के बीच वैन का इंतजार करने लगे। वैन रोकने पर जैसे ही ड्राइवर ने दरवाजा खोला तो उस पर चापड़ से हमला कर दिया। वैन में जितना पैसा था, लेकर फरार हो गए। जांच में पता चला कि वैन हाजी मस्तान की नहीं, बल्कि मुंबई के मेट्रोपॉलिटन बैंक की कैश वैन थी। पुलिस ने केस दाऊद के पिता को हैंडओवर किया। जांच पड़ताल में पिता को पता चला कि कैश वैन लूटने का प्लान बेटे दाऊद ने बनाया था तो उन्होंने उसे उसके 2 साथियों के साथ गिरफ्तार किया। हालांकि केस में दाऊद को जमानत मिल गई, लेकिन यह मामला मुंबई के पुधोनी पुलिस स्टेशन में आज भी दर्ज है। यहीं नहीं जमानत लेने के बाद घर आए दाऊद को पिता ने कमरे में बंद करके बेल्ट से खूब पीटा था।
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