Cyclone Alfred Landfall in Australia: प्रशांत महासागर में उठा चक्रवाती तूफान शनिवार सुबह करीब 6 बजे ऑस्ट्रेलिया पहुंच और ब्रिस्बेन के पास मोरेटन बे द्वीप से टकराया। इसके बाद तूफान ब्रिबी द्वीप की ओर बढ़ रहा है। इसके कारण जहां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, वहीं भारी बारिश हो रही है। तूफानी हवाएं चलने से पेड़ गिरने से बिजली की तारें टूट गईं। करीब 250000 लोग अंधेरे में डूबे हुए हैं। कई इलाकों में बाढ़ आ गई है।
अगले 12 से 24 घंटों में इस तूफान के दक्षिण-पूर्व क्वींसलैंड और उत्तरी न्यू साउथ वेल्स की ओर बढ़ने की संभावना है, जिससे जानलेवा बाढ़ आ सकती है। प्रधानमंत्री अलबनीज ने चेतावनी दी है कि ऑस्ट्रेलिया के लोग चक्रवाती तूफान अल्फ्रेड से सावधान रहें। बेशक यह कमजोर पड़ रहा है, लेकिन सुस्त होने से पहले यह भयंकर तबाही मचा सकता है। करीब 1000 किलोमीटर एरिया में बसे करीब 25 लाख लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए उन्होंने लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील की है।
लिसमोर नदी खतरे के निशान तक पहुंची
नेशनल वेदर सर्विस की रिपोर्ट अनुसार, आज दोपहर तक तूफान उत्तरी न्यू साउथ वेल्स के इलाकों में पहुंचेगा। भारी बारिश, तूफान हवाओं और विनाशकारी झोंकों का अलर्ट है। लिस्मोर, ग्राफ्टन, कॉफ़्स हार्बर, टेंटरफील्ड, यम्बा, वूलगूल्गा, सॉटेल, डोर्रिगो इलाके इस तूफान की चपेट में आ चुके हैं। क्वींसलैंड में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। तूफान का सबसे ज्यादा असर नेरंग में देखने को मिला, जहां करीब 6000 लोग इस तूफान को झेल रहे हैं। अगर चक्रवाती तूफान के कारण बारिश होती रहेगी तो उत्तरी नदियों में पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ आ सकती है।
अभी लिसमोर नदी का जल स्तर 8.41 मीटर पर है, जो खतरे के निशान (8.84 मीटर) से सिर्फ़ 0.43 मीटर नीचे है। मोरेटन बे द्वीप के बाद तूफान चक्रवात का केंद्र ब्रिसबेन से लगभग 45 किमी उत्तर-पूर्व और गोल्ड कोस्ट से 95 किमी उत्तर में है, जहां 75 किमी/घंटा की निरंतर हवाएं चल रही हैं और हवा के झोंके 100 किमी/घंटा तक पहुंच रहे हैं। मौसम विज्ञान ब्यूरो (BoM) का अनुमान है कि तूफान के कारण ब्रिबी द्वीप और मारूचीडोर के बीच भूस्खलन की आशंका है।