TrendingPollutionLionel MessiGoa

---विज्ञापन---

चीन की नई हिमाकत, बनाया गोलियां चलाने वाला रोबोट डॉग, क्या युद्ध में करेगा इस्तेमाल?

China robotic dogs shoot: चीन ने रोबोट डॉग बनाया है, जिस पर मशीन गन लगी है। यह डॉग 328 फीट तक मार कर सकता है। इस डॉग का इस्तेमाल चीन के सैन्य प्रशिक्षण में किया जा रहा है। इससे पहले अमेरिका ने रोबोट डॉग के पीछे एम 72 लाइट एंटी टैंक वेपन लॉन्चर को बांधकर उसका टेस्ट किया था। अभी तक रोबोट डॉग को खिलौने की तरह पेश किया जाता था।

चीन रोबोट डॉग
China made robotic dogs which shoot details in hindi: चीन आए दिन दुनियाभर में अपना नाम करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाता है। हाल ही में चीन ने ऐसा रोबोट डॉग तैयार किया है जो गोलियां चला सकता है। बताया जा रहा है कि चाइनीज सेना के साथ यह रोबोट डॉग युद्ध की ट्रेनिंग ले रहा है। नेटिजन्स में इस चाइनीज रोबोट डॉग की काफी चर्चा हो रही है।

एक मिनट में 750 राउंड गोली 

चीन के रोबोट डॉग पर 7.62mm की मशीन गन लगाई गई है। यह अत्याधुनिक मशीन गन है, जो एक मिनट में 750 राउंड गोली चला सकती है। यह रोबोट डॉग 328 फीट तक मार कर सकता है। जानकारी के अनुसार पहले भी चीन ने रोबोट डॉग बनाए हैं। गोली चलाने वाले हालिया रोबोट डॉग पर जानकारों का कहना है कि यह केवल चीन का नया प्रोपेगेंडा है। बैटलफील्ड पर किसी इंसान की स्पीड, क्षमता की बराबरी करना बेहद मुश्किल है। वहीं, सैन्य हथियारों के साइज, वजन के अनुसार फिलहाल इन रोबोट डॉग का यूज इतना आसान नहीं है।

कैसे काम करता है रोबोट डॉग

चीन के इस नए गोलियां चलाने वाले रोबोट डॉग का भविष्य क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का रोबोट डॉग बनाया है। यह रोबोट डॉग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलते हैं। इसे आप रिमोट और अपने मोबाइल फोन से चला सकते हैं। इससे पहले अमेरिका ने रोबोट डॉग का सैन्य प्रशिक्षण में इस्तेमाल किया था। अमेरिका ने रोबोट डॉग के पीछे एम 72 लाइट एंटी टैंक वेपन लॉन्चर को बांधकर उसका टेस्ट किया था। चीन काफी समय से रोबोट डॉग पर काम कर रहा है। कई कंपनियां इन रोबोट डॉग को बनाती हैं, अभी तक इन डॉग को घर में खिलौने की तरह पेश किया गया था। अब चीन या अमेरिका का इन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग में यूज करना खतरे की घंटी है।
ये भी पढ़ें: क्यों उज्बेकिस्तान में इंडियन बिजनेसमैन समेत 23 लोगों को हुई जेल, 68 बच्चों की मौत का है मामला
 


Topics:

---विज्ञापन---