कनाडा के फेडरल चुनाव में पंजाबी मूल के 22 उम्मीदवारों ने बंपर जीत हासिल की, जो 2025 के संघीय चुनाव में पंजाबी-कनाडाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कंजर्वेटिव की भारी जीत की भविष्यवाणियों के बावजूद नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने साल की शुरुआत में असाधारण वापसी की। इस चुनाव में 65 पंजाबी उम्मीदवार मैदान में थे और पहली बार 22 विजयी हुए, जो 2021 में 18 विजेताओं और 2019 में 20 विजेताओं से आगे निकल गए। पंजाबी मूल के 16 मौजूदा सांसदों में से जिन्होंने फिर से चुनाव लड़ा, उनमें से कइयों का साथी पंजाबियों से सीधा मुकाबला हुआ। खासकर ब्रैम्पटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जहां बड़े राजनीतिक बदलाव हुए।
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ब्रैम्पटन के नतीजे
ब्रैम्पटन नॉर्थ : लिबरल रुबी सहोता ने कंजर्वेटिव अमनदीप जज को हराया
ब्रैम्पटन ईस्ट: लिबरल मनिंदर सिद्धू ने कंजर्वेटिव बॉब दोसांझ को मात दी
ब्रैम्पटन सेंटर: लिबरल अमनदीप सोही ने कंजर्वेटिव तरन चहल को शिकस्त दी
ब्रैम्पटन साउथ : कंजर्वेटिव सुखदीप कंग ने लिबरल सोनिया सिद्धू को हराया
ब्रैम्पटन वेस्ट: कंजर्वेटिव अमरजीत गिल ने लिबरल मौजूदा और संघीय मंत्री कमल खेरा को हराया
कनाडा के फेडरल चुनाव में खालिस्तानी समर्थक एवं न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नबी सेंट्रल में अपनी सीट हार गए। जगमीत सिंह 19 प्रतिशत से भी कम वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे, लिबरल वेड चांग और कंजर्वेटिव जेम्स यान से पीछे रहे। जगमीत सिंह के नेतृत्व में NDP, हाउस ऑफ कॉमन्स में आधिकारिक पार्टी का दर्जा खो सकता है, क्योंकि 2021 के चुनाव से 18 सीटें कम होकर सिर्फ 7 रह गई हैं और मतदाता समर्थन में 12 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है, जो अब सिर्फ 6 प्रतिशत है।
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