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Beach पर बच्चा पैदा करने के लिए महिला ने तय किया 6 हजार किमी का सफर, अब ‘कैदी’ बने, जानें क्यों?

British News: एक ब्रिटिश गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देने के लिए 4000 मील (6437 KM) का दूरी तय की। उसका सपना था कि वह अपने बच्चे को जन्म समुद्र किनारे बीच पर एक प्राकृतिक वास में दे। उसके सपने को पूरा करने के लिए पति ने भी पूरा साथ दिया। आखिरकार महिला ने दक्षिण […]

British Couple
British News: एक ब्रिटिश गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देने के लिए 4000 मील (6437 KM) का दूरी तय की। उसका सपना था कि वह अपने बच्चे को जन्म समुद्र किनारे बीच पर एक प्राकृतिक वास में दे। उसके सपने को पूरा करने के लिए पति ने भी पूरा साथ दिया। आखिरकार महिला ने दक्षिण कैरिबाई देश ग्रेनाडा में समुद्री तट पर बच्चे को जन्म दिया। लेकिन बच्चे के जन्म के साथ उन पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है। चार महीने से वे दोनों ग्रेनाडा के तट पर फंसे हुए हैं। घर नहीं लौट पा रहे हैं। क्योंकि उनसे इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने जन्म पंजीकरण का सबूत मांग लिया है। वे दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उनके पास पैसा भी खत्म हो चुका है।

योगा ट्रेनर है महिला, 23 अप्रैल को बच्चे को दिया जन्म

ब्रिटिश महिला का नाम 38 वर्षीय यूलिया गुर्जी है। वह एक योगा ट्रेनर हैं। उनके पति का नाम 51 वर्षीय क्लाइव है। उनकी आठ साल की एक बेटी एलिजाबेथ है। जिसे उन्होंने यूके में छोड़ा है। एलिजाबेथ का पासपोर्ट रिन्यू नहीं हुआ था। उन्होंने यूके से यूलिया समुद्र तट तक पहुंचने में साढ़े छह हजार किमी की यात्रा की। यूलिया ने 23 अप्रैल को समुद्र तट पर बेबी लुइसा को जन्म दिया। लुइसा का जन्म दोपहर 12.40 बजे हुआ, उसका वजन 3 किलोग्राम था। [caption id="attachment_302599" align="alignnone" ] British Couple[/caption]

माता-पिता होने का सबूत मांग रहे अफसर

क्लाइव ने बताया कि अब उनसे इमीग्रेशन डिपार्टमेंट बच्ची के माता-पिता होने का सबूत मांग रहा है। हम रजिस्ट्री कार्यालय गए और जन्म प्रमाण पत्र के लिए फॉर्म भरे। हमने कुछ हफ्ते तक इंतजार किया। फिर रजिस्ट्री कार्यालय वापस गए तो कहा गया कि वे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि बच्चे का जन्म अस्पताल में नहीं हुआ था और किसी ने भी जन्म नहीं देखा था। वहीं, किंग यूरोपियन यूनियन अस्पताल की तरफ से बताया गया कि वे बच्चे के जन्म का पंजीकरण नहीं करा सकते, क्योंकि वह जन्म के 24 घंटे बीत जाने के बाद आए। वहीं, पासपोर्ट कार्यालय ने कहा कि वे मदद नहीं कर सकते क्योंकि दंपति के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लुईसा का जन्म कहां हुआ था। क्लाइव ने यूके उच्चायोग से मदद मांगी। उन्हें डीएनए परीक्षण कराने के लिए कहा गया। लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

कार्ड पर 6 हजार पाउंड का कर्ज

क्लाइव ने कहा कि मेरे कार्ड पर 6,000 पाउंड का कर्ज है। हमारे पास पैसे खत्म हो रहे हैं। हमें विदेश कार्यालय द्वारा बुलाया जाता रहता है और वे हमसे पूछते हैं कि क्या हमारे पास उनके लिए कोई अपडेट है। उन्हें यहां से निकलने में हमारी मदद करनी चाहिए।

हम देश विहीन हुए, निकलने की इजाजत नहीं

यूलिया ने कहा कि हम देश विहीन हो गए हैं। हम ऐसे देश में कैदी हैं जहां से हमें निकलने की इजाजत नहीं है। अब नहीं लगता कि कभी यूके लौट पाऊंगी। बेटी की याद आती है। इसलिए रातों को सो नहीं पा रही हैं। उसकी देखभाल 24 वर्षीय चाची क्रिस्टीना कर रही हैं। यह भी पढ़ें: 11 साल की बच्ची ने गर्भपात कराने से किया इंकार, 6 साल की उम्र से पिता कर रहा था रेप


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