Bangladesh Protest: बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा तेज हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, सिंगापुर में इलाज के दौरान छात्र नेता हादी की मौत हो गई. वहीं, हादी की मौत की खबर जैसे ही बांग्लादेश के ढाका पहुंची वहां पर तोड़फोड़ और आगजनी फैल गई. लोग सड़कों पर उतर आए और देश के सबसे बड़े अखबार डेली स्टार और प्रोथोम आलो के ऑफिस में जबरन घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की.
बता दें कि जुलाई, साल 2024 में उसमान हादी शेख हसीना के खिलाफ हुए छात्र आंदोलन में शामिल नेताओं में सबसे प्रमुख नेता था. वहीं, 12 दिसंबर को चुनाव प्रचार के दौरान हादी को गोली मार दी गई थी. जिसके बाद हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, लेकिन 6 दिन बाद उसकी मौत हो गई. इस घटना की जानकारी ढाका में पहुंचते ही बवाल मच गया.
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वहीं, प्रदर्शनकारियों ने सांस्कृतिक संगठन, छायानोट भवन पर भी हमला किया और आग लगा दी. आज भी बांग्लादेश में तनाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं, इस मामले को देखते हुए मोहम्मद यूनुस ने लोगों से शांति की अपील की है.
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साल 2024 में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश एक बार फिर से सुलग रहा है. बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की और आगजनी की घटनाएं भी हुईं. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए और भारतीय सहायक उच्चायोग को भी निशाना बनाया गया.
बांग्लादेश में फिर से क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश से 12 अक्तूबर का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. जिसमें देखा जा सकता था कि एक बैटरी रिक्शा पर बैठे व्यक्ति का पीछा करते हुए कुछ बाइक सवार लोग उसके करीब आ रहे थे और फिर वो गोली चला देते हैं. बैटरी रिक्शा पर छात्र नेता उस्मान हादी सवार था. बता दें कि हादी इस्लामी मंच का प्रवक्ता था और 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनाव में हादी ढाका से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाला था.
बता दें कि हादी ने कुछ समय पहले ही एक नक्शा पोस्ट किया था. जिसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा बताया गया था. वहीं, जब हमलावर ने हादी को गोली मारी तो वो गोली उसकी दाहिनी कनपटी से होकर सिर के बाएं हिस्से से बाहर निकल गई. पहले हादी की इलाज ढाका में ही कराया गया लेकिन फिर बाद में उसे सिंगापुर ले जाया गया. जहां कल रात उसकी मौत हो गई और बांग्लादेश में आंदोलन एक बार फिर से तेज हो गया.
प्रदर्शनकारियों ने भारत पर लगाए ये आरोप
बांग्लादेश में हिंसा इस कदर बढ़ चुकी है कि प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सबसे बड़े अखबार प्रोथोम आलो के ऑफिस में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि ये अखबार भारत का पक्ष लेता है जबकि सच्चाई यही है कि ये मोहम्मद यूनुस समर्थक हैं.