दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों और ढाका में सैन्य कर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद सोशल मीडिया पर तख्तापलट की अफवाहों का बाजार गर्म है। हालांकि, प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और आर्मी चीफ वकार उज जमान ने इन अफवाहों पर कोई प्रतिक्रिया दी है। माना जा रहा है कि जनरल वकार उज जमान इन कथित घटनाक्रमों के केंद्र में हैं, क्योंकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
आर्मी चीफ की बैठक के बाद अटकलें तेज
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आर्मी चीफ मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का तख्तापलट कर शासन की बागडोर अपने हाथ में ले सकते हैं। पिछले 24 घंटे में तख्तापलट की अफवाहों ने जोर पकड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना प्रमुख वकार उज जमान ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की है। हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सचिव नसीमुल हक गनी ने कहा कि तख्तापलट की चर्चा महज 'अफवाह' है।
आर्मी चीफ ने की आपात बैठक
बांग्लादेशी सेना की बैठकों की रिपोर्ट ने इस अफवाह को और पुख्ता कर दिया है कि देश के राजनीतिक हालात को लेकर सेना प्रमुख के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है। सेना प्रमुख ने आतंकवादी हमलों के खिलाफ भी चेतावनी दी है और देश में सतर्कता और सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान किया है। सतर्कता और सुरक्षा बढ़ाने की बात को तख्तापलट से जोड़कर देखा जा रहा है। वीकेंड पर जनरल जमान की अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ हुई बैठकों और सत्तारूढ़ दल की टिप्पणियों के कारण राजनीतिक विश्लेषकों ने सरकार और सेना प्रमुख के बीच कुछ सबकुछ ठीक नहीं होने का अनुमान लगाया है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सेना प्रमुख ने देश में बढ़ते चरमपंथ के बीच सुरक्षा उपायों पर चर्चा की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेशी सेना प्रमुख की ओर से बुलाई गई इमजेंसी बैठक में 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अफसर और सेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
[poll id="75"]
जनरल जमान की सेना पर मजबूत पकड़
कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि सेना प्रमुख खुद अपने ही कुछ पाकिस्तानी समर्थक लोगों की ओर से तख्तापलट का सामना कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा लगता है कि जनरल जमान की सेना पर मजबूत पकड़ है। सेना प्रमुख ने कई बार ढाका में कानून-व्यवस्था की विफलता और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने के संकेत दिए हैं।
छात्र नेता ने किया बड़ा दावा
सेना प्रमुख ने चेतावनी इस वजह से दी है क्योंकि छात्रों की पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हसनत अब्दुल्ला ने हाल ही में दावा किया था कि सेना अवामी लीग को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है। एनसीपी द्वारा ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान अब्दुल्ला के सैकड़ों समर्थकों ने सेना प्रमुख के खिलाफ नारे लगाए थे और मांग की थी कि हसीना और उनके 'साथियों' को मुकदमे के बाद फांसी पर लटका दिया जाए। अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया था कि भारत के इशारे पर अवामी लीग को पुनर्स्थापित करने की साजिश चल रही है।
सेना के खिलाफ उठाई आवाज
वहीं, छात्र नेतृत्व वाली आमार बांग्लादेश पार्टी के महासचिव असदुज्जमां फवाद ने सेना प्रमुख पर राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार स्थापित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। फवाद ने कहा, 'आप देख सकते हैं कि सेना प्रमुख तथाकथित बैठकें कर रहे हैं और एक नई साजिश में लिप्त हैं। वह राष्ट्रपति के साथ मिलकर एक नई अंतरिम सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि आप शहाबुद्दीन के साथ देश चलाने की कोशिश करते हैं, तो लाखों अबू सैयद अपनी जान दे देंगे और छावनी को उड़ा देंगे। बांग्लादेश के साथ किसी भी विवाद में न उलझें।' असदुज्जमां फवाद की गिरफ्तारी की चर्चा ने देश में कट्टरपंथी ताकतों पर लगाम लगाने के लिए तख्तापलट की संभावना को और हवा दे दी है। हालांकि, एबी पार्टी ने गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया है।