TrendingYear Ender 2025T20 World Cup 2026Bangladesh Violence

---विज्ञापन---

बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर ले ली जान, दीपू दास के बाद दूसरी घटना

Bangladesh Hindu Lynching: पिछले हफ्ते मायमेनसिंह जिले में दीपू दास को भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में लिंच कर जिंदा जला दिया था, जिसकी अंतरिम सरकार ने निंदा की थी. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने एक्स पर बयान जारी कर कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दीपू चंद्र दास की हत्या के महज कुछ दिनों बाद एक और खौफनाक घटना ने दुनिया को हिलाकर रख दिया. अमृत मंडल नाम के हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. आरोप है कि वह एक स्थानीय निवासी शाहिदुल इस्लाम के घर लूटपाट करने पहुंचा था. स्थानीय लोगों का कहना है कि अमृत ने लंबे समय से भारत में छिपकर रहने के बाद हाल ही में लौटकर शाहिदुल से फिरौती मांगी थी और मंगलवार रात उसके साथ उसके गुट के लोग पैसे वसूलने घर पहुंचे.

लोगों ने लगाया ये आरोप


द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, घरवालों ने चोर-चोर का शोर मचाया, तो आसपास के लोग दौड़े और अमृत को घेर लिया, बेरहमी से पिटाई कर दी. उसके साथी भाग निकले, लेकिन सेलीम नाम का एक साथी हथियारों के साथ पकड़ा गया. पिछले हफ्ते मायमेनसिंह जिले में दीपू दास को भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में लिंच कर जिंदा जला दिया था, जिसकी अंतरिम सरकार ने निंदा की थी. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने एक्स पर बयान जारी कर कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं, अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन अमृत मंडल की मौत ने फिर सवाल खड़े कर दिए कि क्या अपराधी होने पर भी भीड़ न्याय कर सकती है.

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: जब 40 साल के जिन्ना को हुआ 16 साल की रति से प्यार, रिश्ते से नाखुश पिता ने किया बेटी की मौत का ऐलान

---विज्ञापन---

हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना


लोगों का दावा है कि अमृत का क्रिमिनल गैंग लंबे समय से फिरौती और अपराधों में लिप्त था, फिर भी हिंदू समुदाय में दहशत फैल गई है. स्थानीय लोग बताते हैं कि अमृत भारत भागा हुआ था, वापसी पर पुरानी दुश्मनी ने ले ली जान. देश में चल रही अस्थिरता के बीच धार्मिक अल्पसंख्यकों और मीडिया संस्थानों पर हमले बढ़ रहे हैं, जो राजनीतिक उथल-पुथल को और गहरा बना रहे हैं. शेख हसीना की सत्ता गिरने के बाद बने हालात में ऐसी घटनाएं बार-बार सुर्खियां बटोर रही हैं, हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना पनप रही है.

यह भी पढ़ें: ‘बांग्लादेश की पहली प्राथमिकता…’, 17 साल बाद वतन लौटे तारिक रहमान ने रैली में क्या कहा?

पुलिस ने सेलीम को हिरासत में ले लिया है, लेकिन अमृत के शव का पोस्टमॉर्टम और जांच चल रही है. ये हत्याएं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए चुनौती बन गई हैं, जहां कानून का राज बहाल करने की कवायद के बीच भीड़ का राज टिक रहा है.


Topics:

---विज्ञापन---