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Amazon नदी सूखी तो चट्टानों पर नजर आई 2 हजार साल पुरानी इंसानी चेहरों की नक्काशी, क्या है रहस्य?

Amazon River drought Revealed carvings of human faces on Ancient rock: दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेजॅन सूख रही है। नदी का जलस्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है।

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Oct 24, 2023 21:58
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Ancient rock

Amazon River drought Revealed carvings of human faces on Ancient rock: दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेजॅन सूख रही है। नदी का जलस्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके बाद तमाम रहस्य नदी से बाहर निकल रहे हैं। ताजा मामला चट्टानों पर उकरी इंसानी आकृतियों से जुड़ा है, जो 2 हजार पुराने बताए जा रहे हैं। चट्टानों पर इंसानी चेहरों के अलावा प्राचीन संस्कृतियों और उनकी प्रथाओं की भी नक्काशी है।

इंसानी चेहरों की नक्काशी ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। पुरातत्वविद् जैमे डी सैन्टाना ओलिवेरा ने सोमवार को अपनी खोज को दुनिया के सामने रखा और विभिन्न विशिष्ट नक्काशी की उपस्थिति की ओर इशारा किया।

क्या तीरों और भालों को तेज करने का हुआ इस्तेमाल?

पुरातत्वविद् जैमे डी सैन्टाना ने बताया कि एक विशेष क्षेत्र में चट्टान में पॉलिश किए गए खांचे दिखाई देते हैं। माना जाता है कि यूरोपीय लोगों के आगमन से पहले स्वदेशी निवासियों द्वारा अपने तीरों और भालों को तेज करने के लिए इसका उपयोग किया जाता था।

ओलिवेरा ने एक इंटरव्यू में कहा कि नक्काशी प्रागैतिहासिक, या पूर्व-औपनिवेशिक हैं। हम उनकी सटीक तारीख नहीं बता सकते हैं, लेकिन क्षेत्र पर मानव कब्जे के साक्ष्य के आधार पर हम मानते हैं कि वे लगभग 1,000 से 2,000 साल पुराने हैं।

carvings of human faces

दो नदियों के संगम की जगह मिली चट्टान

जिस जगह नक्काशीदार चट्टान मिले हैं, उस स्थान को पोंटो दास लाजेस के नाम से जाना जाता है। अमेज़न नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है, जहां रियो नीग्रो और सोलिमोस नदियां मिलती हैं। ओलिवेरा ने कहा कि लोगों ने पहली बार 2010 में वहां की नक्काशी पर ध्यान दिया था, लेकिन इस साल का सूखा बदतर था।

49.2 फीट नीचे गया नदी का जलस्तर

जुलाई के बाद से रियो नीग्रो 15 मीटर (49.2 फीट) नीचे चला गया है। जिससे चट्टानों और रेत के बड़े हिस्से सामने आए हैं जहां पहले कोई समुद्र तट नहीं हुआ करता था। ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण की देखरेख करने वाले राष्ट्रीय ऐतिहासिक और कलात्मक विरासत संस्थान (आईपीएचएएन) के लिए काम करने वाले ओलिवेरा ने कहा कि इस बार हमें न केवल अधिक नक्काशी बल्कि चट्टान में उकेरी गई एक मानव चेहरे की मूर्ति मिली।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Oct 24, 2023 09:56 PM

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