2023 Nobel Peace Prize: नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई, उनके अधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए नर्गेस मोहम्मदी को 2023 नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया।
वर्तमान में 31 साल की जेल की सजा काट रहा हूं
नोबेल पुरुस्कार समिति की ओर से कहा गया है कि इस साल का शांति पुरस्कार उन सैकड़ों-हजारों लोगों को भी मान्यता देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और उत्पीड़न की धार्मिक शासन की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया है। सितंबर 2022 में महसा जीना अमिनी की ईरानी नैतिकता पुलिस की हिरासत में हत्या कर दी गई, जिससे ईरान के शासन के खिलाफ राजनीतिक प्रदर्शन शुरू हो गए।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नर्गेस मोहम्मदी के नेतृत्व में लोगों ने आंदोलन में भाग लिया। लेकिन नर्गेस मोहम्मदी को इस बहादुरी की कीमत चुकानी पड़ी। ईरानी शासन ने उन्हें 13 बार गिरफ्तार किया, पांच बार दोषी ठहराया और फिर 31 साल जेल और 154 कोड़े की सजा सुनाई। मोहम्मदी अभी भी जेल में हैं। टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में नर्गेस मोहम्मदी संयुक्त राष्ट्र का विश्व प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार प्राप्त करने वाले जेल में बंद ईरानी पत्रकारों में से एक हैं।
क्या है नोबेल शांति पुरस्कार?
शांति पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने राष्ट्रों के बीच भाईचारे, स्थायी सेनाओं को समाप्त करने या कम करने और शांति कांग्रेस के आयोजन व प्रचार के लिए सबसे ज्यादा काम किया हो। पिछले साल का पुरस्कार यूक्रेन, बेलारूस और रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जीता था, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके बेलारूसी समकक्ष व सहयोगी के लिए कड़ी फटकार के रूप में देखा गया था। ये पुरस्कार व्यक्तियों या संगठनों को प्रदान किया जा सकता है। अन्य पिछले विजेताओं में नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा, मिखाइल गोर्बाचेव, आंग सान सू की और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं।
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