Nimisha Priya: यमन में भारतीय मूल की निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी होना प्रस्तावित है। उसकी आखिरी कोशिश अब भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है। जहां 14 जुलाई को एक दायर याचिका पर सुनवाई होनी है। सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंशिल ने याचिका दाखिल कर भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से अपील की है कि वे कूटनीतिक तरीके से हस्तक्षेप कर इस फांसी को रोका जाए। याचिका में ब्लड मनी की भी बात की गई है कि पीड़ित परिवार को 1 लाख डॉलर यानी करीब 8 करोड़ रुपये रुपये देकर फांसी से क्षमा दान मिल सकता है। लेकिन पीड़ित परिवार से इस पर कोई साफ जवाब नहीं मिला है।
साल 2008 में रोजगार की तलाश में यमन गई निमिषा प्रिया वहां के नागरिक तलाल अब्दुल के साथ क्लिनिक शुरू किया। लेकिन यह साझेदारी चली नहीं। जेल में दिए एक इंटरव्यू में निमिषा ने बताया कि तलाल उसे प्रताड़ित करता था। उसे पत्नी बताकर दूसरों के सामने अपमानित करता था। उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। यहां तक कि उसे अपने दोस्तों के साथ जबरन संबंध बनाने पर मजबूर करता था। जब एक दिन निमिषा ने आत्मरक्षा में तलाल को नशीली दवाएं दीं तो उसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई।