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Video: नवरात्रि में जलाई है अखंड ज्योत? न करें ये गलतियां, बढ़ेंगे रोग-ऋण और शत्रु

Akhand Jyoti Diya Niyam: नवरात्रि के पर्व का आरंभ मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने के बाद अखंड ज्योत जलाकर किया जाता है. हालांकि, जो लोग अखंड ज्योत जलाते हैं, उन्हें कई नियमों का पालन करना होता है. चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं अखंड ज्योत से जुड़े नियमों के बारे में.

Credit- AI

Akhand Jyoti Diya Niyam: सनातन धर्म के लोगों के लिए शारदीय नवरात्रि के पर्व का खास महत्व है, जो इस बार 22 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक है. मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि के पर्व में अखंड ज्योत जलाने का खास महत्व है. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद अखंड ज्योत यानी घी का दीपक जलाया जाता है, जिसे 9 दिनों तक जलाए रखना होता है. यदि एक बार भी अखंड ज्योति बुझ जाती है तो पाप लगता है. इसके अलावा अखंड ज्योत से जुड़े कई और नियम हैं, जिनका पालन न करने पर भक्तों को मां दुर्गा की नाराजगी का सामना करना पड़ता है. साथ ही रोग, ऋण और शत्रु आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं, अखंड ज्योत के सामने बैठकर उपासना करने से पूजा का फल बढ़ता है.

शास्त्रों में बताया गया है कि अखंड ज्योत के दीपक में देसी घी का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा आप तिल के तेल का दीपक भी जला सकते हैं. मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिने ओर तेल का दीपक जलाना चाहिए. हालांकि, एक बार दीपक को स्थापित करने के बाद उसे अपनी जगह से हटाना नहीं चाहिए. यदि आप अखंड ज्योति से जुड़े अन्य नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो देख सकते हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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