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Video: 10 लाख की हो गई राहुल गांधी की चप्पल! मोची रामचेत के पास पहुंची News24 की टीम

सुल्तानपुर के जिस मोची रामचेत की दुकान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे थे अब उसकी किस्मत बदल गई है। यहां राहुल ने जिस चप्पल को सिला था उसके लिए मोची रामचेत को अब लाखों रुपये के ऑफर आ रहे हैं। लेकिन, रामचेत इसे लेकर क्या करने वाले हैं, जानिए इस खास वीडियो स्टोरी में।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Aug 1, 2024 20:32
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रामचेत की दुकान पर चप्पल में टांके लगाते राहुल गांधी और उनके द्वारा भिजवाई गई सिलाई मशीन

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के कूरेभार इलाके में जूते-चप्पलों की मरम्मत का काम करने वाले मोची चेतनाम का नाम इस समय हर ओर छाया हुआ है। राहुल गांधी का उनकी दुकान में पहुंचना और वहां बैठकर अपने हाथों से चप्पल सिलना, चेतराम की किस्मत बदल गया है। बता दें कि राहुल ने अपने हाथ से जो चप्पल सिली थी, कई लोग उसे खरीदना चाहते हैं। एक शख्स तो उस चप्पल के लिए चेतराम को 10 लाख रुपये देने की पेशकश भी कर चुका है। हालांकि, चेतराम ने ऐसे किसी भी ऑफर को स्वीकार करने से मना किया है। इस बीच न्यूज24 की टीम पहुंची मोची चेतराम के पास और उनसे बातचीत की।

रामचेत की दुकान अब एक तरह से यहां का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बन गई है। बड़ी संख्या में लोग यहां सेल्फी लेने के लिए पहुंच रहे हैं। आम आदमी तो आम आदमी नेता-कारोबारी भी उनसे मिलने आ रहे हैं। राहुल गांधी ने जो चप्पल सिली थी वह उन्होंने अभी भी अपने पास रखी है। वह इसे सुरक्षित रखने के लिए शीशे का फ्रेम भी बनवाने की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर न्यूज24 से बात करते हुए रामचेत ने कहा कि इस चप्पल के लिए कई ऑफर आ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि ये चप्पल हमें दे दो हम भर-भर कर पैसा देंगे। लेकिन रामचेत इस स्पेशल चप्पल को किसी भी कीमत पर किसी को देने के लिए तैयार नहीं हैं।

जिस शख्स की यह चप्पल थी यानी जो व्यक्ति चप्पल मरम्मत के लिए रामचेत की दुकान पर छोड़ गया था अब रामचेत उसे उसकी ही चप्पल नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि मैं चप्पल की कीमत देने के लिए तैयार हूं। हम साढ़े तीन घंटे गुम रहे, सामान ढूंढकर लाए और अजनबी जगह बैठकर 2 जोड़ी जूते तैयार किए। रामचेत कहते हैं कि अब प्रशासन के लोग मेरी झोपड़ी देखते हैं, मेरी समस्याएं सुनते हैं। कभी हमने प्रधान से कॉलोनी के लिए कहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मैंने कहना ही बंद कर दिया। लेकिन अब स्थिति बहुत बदल गई है। अब प्रधान से लेकर प्रशासन तक सब लोग पूछने आ रहे हैं।

SOURCES
HISTORY

Written By

Gaurav Pandey

First published on: Aug 01, 2024 08:32 PM

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