Hindu Boys Mob Lynching: बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा भड़की हुई है. 7 दिन के अंदर 2 हिंदू युवकों की पीट-पीट कर हत्या की जा चुकी है. मैमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास और राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल उर्फ सम्राट को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. दोनों को ईशनिंदा का आरोप लगाकर मारा गया. दीपू के साथ इतनी क्रूरता की गई कि उसके शव पेड़ से लटकाकर जला दिया गया. दोनों हत्याओं की भारत में निंदा हुई और इसे नरसंहार कहा गया.
विवाद में कूदे मौलाना साजिद रशीदी
वहीं अब मामले में भारत में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी भी कूद गए हैं. उन्होंने एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में ईशनिंदा करने पर सजा का प्रावधान है, लोकतांत्रिक देशों में नहीं है. इस्लाम किसी की हत्या करने की इजाजत भी नहीं देता है. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा गलत है. हत्याएं करना भी गलत है, लेकिन दोनों हत्याएं नरसंहार कहां से हुईं? ऐसा कहना गलत है, नरसंहार नहीं हुआ है.
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गाजा का हवाला देकर पेश की दलील
मौलाना ने कहा कि गाजा में हुई हत्याओं को नरसंहार नहीं कहा जाता. हमास के लड़ाकों ने और इजरायल की कार्रवाई में डेढ़ लाख लोगों की मौत हुई. करीब 40 हजार बच्चों ने जान गंवाई, इसे नरसंहार नहीं कहा गया. भारत में जय श्रीराम का नारा लगाकर 52 लोगों की हत्या की गई, उसे नरसंहार नहीं कहा गया तो 2 हत्याओं को नरसंहार क्यों कहा जा रहा है? इस तरह की दोहरी मानसिकता क्यों अपनाई जा रही है? वहीं जो हो रहा, उसके लिए यूनुस सरकार जिम्मेदार है.
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