चीन में लापता हो रहे ताकतवर मंत्री, क्या ‘माओ’ की तरह विरोधियों को ठिकाने लगा रहे जिनपिंग?
China Defence Minister Missing Case
China Defence Minister Li Shangfu Missing Know Reason: चीन में एक-एक कर ताकतवर मंत्री लापता हो रहे हैं। रक्षा मंत्री ली शांगफू बीते तीन हफ्तों से लापता हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, रक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वे सैन्य हथियार की खरीद से जुड़े मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ली शांगफू को पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार निवारण विभाग के अधिकारी पूछताछ के लिए अपने साथ ले गए थे। अमेरिकी सरकार ने आशंका जताई है कि शांगफू को उनके पद से भी हटाया जा सकता है। दूसरी तरफ जापान में मौजूद अमेरिकी राजदूत इमैनुएल ने शांगफू के हाउस अरेस्ट होने की भी आशंका जताई है। 7 और 8 सितंबर को वियतनाम और सिंगापुर के साथ मीटिंग से भी रक्षा मंत्री लापता थे।
आखिरी बार ली शांगफू को 29 अगस्त को बीजिंग में अफ्रीकी देशों के साथ एक सिक्योरिटी फोरम में भाषण देते हुए देखा गया था। इससे पहले चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भी लंबे समय तक लापता रहे थे। इसके बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था।
एयरोस्पेस इंजीनियर हैं ली शांगफू, जानिए 5 बड़ी बातें
- ली शांगफू का जन्म फरवरी 1958 में हुआ था। वे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कमांडर रहे ली शाओजू के बेटे हैं।
- ली शांगफू को अभी उनके पद से हटाया नहीं गया है। अभी भी उनका नाम चीनी सरकार, सैन्य वेबसाइट पर बतौर रक्षा मंत्री नाम दर्ज है।
- शांगफू पांच स्टेट काउंसलर में से एक हैं। यह एक कैबिनेट पद है। 2016 में उन्हें स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स का कमांडर बनाया गया था। 2017 में उन्हें पांच सालों के लिए सेना की खरीद यूनिट का प्रमुख बनाया गया।
- ली शांगफू को आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर 29 अगस्त को देखा गया था। उन्होंने बीजिंग में चीन-अफ्रीका शांति और सुरक्षा फोरम में मुख्य भाषण दिया था।
- ली शांगफू एक एयरोस्पेस इंजीनियर हैं और उन्होंने अपना करियर एक उपग्रह और रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र से शुरू किया था।
- 31 वर्षों तक नौकरी करने के बाद ली शांगफू नवंबर 2022 में 20वीं कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में सीएमसी के सदस्य बने।
तो इसलिए लापता रहे ताकतवर मंत्री?
चीन में ताकतवर लोगों के लापता होने का सिलसिला आधुनिक चीन के संस्थापक माओ के समय से चला आ रहा है। मोओ ने हंड्रेड फ्लावर्स कैंपेन चलाया था। जिसमें लोगों को आलोचना करने की छूट दी गई थी। सिस्टम की खामियों को बताने के लिए कहा गया था। लोग भी इस अभियान से जुड़े। लेकिन जिन लोगों ने आलोचना की या कमियों को उजागर किया, उनका पता नहीं चला। यह विरोधियों को ठिकाने लगाने की माओ की चाल थी। आशंका जताई जा रही है कि शी जिनपिंग भी माओ की राह पर चल पड़े हैं।
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