Pakistan Richest Man: भारत का बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान बना, लेकिन उसके आर्थिक हालात कभी अच्छे नहीं रहे हैं। कोरोना वायरस के आने के बाद तो पड़ोसी मुल्क की हालत और भी खराब हो गई। फिर इसके बाद आई बाढ़ ने पाकिस्तान को और भी बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाई। कुल मिलाकर पाकिस्तान में पिछले कुछ वर्षों से महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक विषमता ने कब्जा किया हुआ है। बावजूद इसके कुछ ऐसे कारोबारी और व्यापारी हैं, जिन्होंने जबरदस्त तरक्की की है।
कंपनी खरीदकर आए थे चर्चा में
इन्हीं में से एक हैं शाहिद खान (Sahid Khan)। 18 जुलाई, 1950 को लाहौर शहर में जन्में शाहिद पहले पाकिस्तान में रहते थे और फिर अमेरिका चले गए और अब फिर पाकिस्तान वापस लौट आए हैं। इंजीनियर के रूप में इन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। शाहिद खान ने 1980 में अपने पूर्व नियोक्ता से ऑटो पार्ट्स सप्लायर फ्लेक्स-एन-गेट खरीदा था। इसके बाद से वह लगातार तरक्की की राह पर हैं।
कंपनी में हजारों कर्मचारी करते हैं काम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाहिद खान की सफलता में वन-पीस ट्रक बम्पर का डिजाइन बड़ा आधार रहा है। फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट के मुताबिक, उद्यमी की कंपनी के अब दुनिया भर में 69 प्लांट हैं और इनमें 26,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। शाहिद खान एनएफएल के जैक्सनविले जगुआर के भी मालिक हैं, इस उन्होंने वर्ष 2012 में इसे खरीदा था। इसके अलावा, उनके पास यूके का एक फुटबॉल क्लब भी है।
कभी 500 डॉलर पहुंचे थे शाहिद
शाहिद खान की कंपनी ऑटो पार्ट खुद बनाकर बेचती है, जो यह इनकी कमाई का प्रमुख जरिया है। वहीं, फोर्ब्स की रियल टाइम बिलियनेयर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इनकी कुल संपत्ति 12.1 अबर डॉलर है। वर्ष 2022 के अंत तक इनकी कुल संपत्ति 7.6 अरब डॉलर थी। शाहिद खान पाकिस्तान के एक मध्य वर्गीय परिवार परिवार में पैदा हुए। 16 साल की उम्र में ये पाकिस्तान से सिर्फ 500 डॉलर लेकर अमेरिका पहुंचे थे और वहां पर इन्होंने अरबों की संपत्ति बनाई।
मध्य वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं शाहिद
शाहिद ने इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन में अध्ययन किया। शाहिद खान ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान डिशवॉशर का काम किया था। शाहिद खान 16 साल की उम्र में अमेरिका गए और 1971 में ग्रिंजर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से औद्योगिक इंजीनियरिंग में बीएससी के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1999 में उन्हें मैकेनिकल साइंस एंड इंजीनियरिंग विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।