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180 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ी वंदे भारत, नहीं छलका बूंद भर पानी, रेलमंत्री ने शेयर किया वीडियो

Vande Bharat water test stunt: भारतीय रेलवे की उन्नत तकनीक के बारे में बताने के मकसद से कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने फिर वंदे भारत स्लीपर में अनोखा टेस्ट दोहराया. जनवरी की तरह इस बार भी वंदे भारत ट्रेन के ट्रायल के दौरान उसे 180 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ाया और पानी के गिलास का वीडियो दिखाया, जिसमें से एक बूंद भी छलकती दिखी. पढ़ें दिल्ली से वरुण सिन्हा की रिपोर्ट.

Vande Bharat water test stunt: रेलवे हर साल कुछ न कुछ नई तकनीक के साथ यात्रियों के बेहतर यात्रा कराने के लिए प्रयासरत है. ऐसे में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और उसमें उन्नत तकनीक ये समझाने के लिए काफी है कि रेलवे टेक्नीक के साथ बेहतर मापदंड स्थापित कर रहा है. ये वीडियो वंदे भारत का है, जिसमें कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने वंदे भारत स्लीपर में फिर अनोखा टेस्ट दोहराया, इसमें पानी के भरे हुए ग्लास के ऊपर ग्लास रख कर ये दिखाया गया कि एक तरफ तो ट्रेन की स्पीड 180 kmph है और पानी का ग्लास छलका तक नहीं, असल में रेलवे ने वॉटर टेस्ट से नई जेनरेशन की ट्रेन के तकनीकी फीचर्स को दिखाने का प्रयास किया है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर यह ट्रायल राजस्थान के कोटा-नागदा रेल खंड पर हुआ.

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने वीडियो x किया पोस्ट

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने भी इस वीडियो को पोस्ट करके लिखा, 'ये तरह से बिल्कुल अलग है तरीका, रेलवे सेफ्टी को समझने का. इस टेस्ट से नई तकनीक और सेफ्टी को समझाने का प्रयास किया गया है. वंदे भारत लगातार भारतीय रेल में लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है high speed ट्रेनों के इस जमाने में जहां हर कोई देश एक के बाद एक नए आयाम स्थापित करना चाहता है ऐसे में भारत भी लगातार वंदे भारत से तेज गति और उनके अनुभव को बेहतर बनाने के प्रयास में है'

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पहले जनवरी में भी किया था यही टेस्ट

भारतीय रेलवे ने इस साल जनवरी में भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में इसी तरह का अनोखा टेस्ट किया था. उस समय भी 180 किलोमीटर की स्पीड से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को दौड़ाया और पानी का गिलास रखकर उसका वीडियो बनाकर रेलवे मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. इस वीडियो को बनाने का मकसद रेलवे मंत्री ने समझाया. उन्होंने कहा कि रेलवे का उद्देश्य यात्रियों को आरामदायक सफर उपलब्ध करवाना है. अगर 180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन में पानी की बूंद नहीं छलक रही तो स्पष्ट है कि यात्री को ट्रेन में कितना आरामदायक सफर मिलेगा. इन ट्रायल्स के पूरे होने के बाद ही रेलवे इस ट्रेन को फाइनल सर्टिफिकेट देगा और यात्री सेवा में इसे लगाया जा सकेगा.

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