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60 फीट गहरे गड्ढे में मशीन के साथ समा गया राकेश, मौत के 10 महीने बाद क्यों हुआ अंतिम संस्कार?

Rakesh Yadav Missing Dead Body Funeral: पालघर के नवघर क्षेत्र में 35 साल के राकेश यादव की खुदाई के दौरान मौत हो गई थी। लेकिन 10 महीने बाद भी उनका शव नहीं मिला। परिवार ने पंडित की सलाह पर आटे का सांचा बनाकर अंतिम संस्कार किया। प्रशासन ने तलाशी बंद कर दी, लेकिन परिजन अब भी डेथ सर्टिफिकेट और बॉडी का इंतजार कर रहे हैं।

Rakesh Yadav Missing Dead Body Funeral
Rakesh Yadav Missing Dead Body Funeral: एक परिवार और बूढ़े मां-बाप के लिए जवान लड़के की मौत की खबर मिलना जमीन फटने के समान ही होता है। पालघर के नवघर क्षेत्र का ये मामला है जहां 35 साल के राकेश यादव को उसकी मौत के 10 महीनों बाद काल्पनिक अंतिम संस्कार नसीब हुआ। इसका मतलब है कि 29 मई 2024 को मर चुके राकेश का शव नहीं मिला तो पंडित के कहने पर उसके शरीर के आकार का आटे का फ्रेम बनाया गया। उसपर उसकी फोटो लगाई गई और फिर रीति रिवाज से अंतिम संस्कार गया। हालांकि अभी भी परिजनों को राकेश की बॉडी और डेथ सर्टिफिकेट का इंतजार है। आइए जान लेते हैं कि क्या है पूरा मामला।

29 मई 2024 को हुई थी दर्दनाक मौत

29 मई, 2024 को राकेश और उनकी आठ टन की खुदाई करने वाली मशीन खाई में कहीं समा गई।  कंक्रीट की दीवार उसके ऊपर गिर गई और वो 60 फीट नीचे मलबे में दब गया। 35 साल के राकेश यादव की मौत जमीन खनन के दौरान हुई। वो मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की सूर्या क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना का हिस्सा थे। यह भी पढ़ें: कनाडा के नए प्रधानमंत्री Mark Carney कौन? जो लेने जा रहे Justin Trudeau की जगह

मौत की खबर मिलते ही परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

दुर्घटना के तुरंत बाद, राष्ट्रीय आपदा राहत बल की एक टीम मौके पर पहुंची। वसई विरार नगर निगम के दमकलकर्मी और भारतीय सेना की पुणे स्थित 269 इंजीनियर रेजिमेंट के कर्मियों ने राकेश का पता लगाने के लिए अभियान शुरू किया। 30 मई को राकेश के परिवार वालों जिसमें उनके बूढ़े माता-पिता और पत्नी समेत तीन बच्चे हैं को इस बुरी खबर का पता लगा।

10 महीने बाद आटे की मूर्ति बना किया अंतिम संस्कार

राकेश के पिता 62 साल के पिता बालचंद्र ने बताया कि पंडित ने कहने पर कि शव कभी नहीं मिला, इसलिए राकेश की लंबाई के हिसाब से आटे का एक सांचा बना और उसकी तस्वीर लगा उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। ये उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा समय रहा। बूढ़े माता-पिता को जवान बेटे के शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

परिवार वालों को अब भी बॉडी और डेथ सर्टिफिकेट का इंतजार

हालांकि मौत के 10 महीनों बाद पंडित के कहने पर आटे का सांचा बना राकेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन अभी भी  मृत्यु प्रमाण पत्र और बॉडी का इंतजार है। हालांकि प्रशासन ने दुर्घटना के चार महीने बाद तलाशी अभियान बंद कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर राकेश को मृत घोषित नहीं किया है। वहीं उनकी पत्नी ने बताया कि इस समाचार के दो महीने बाद तक वो उसी स्थान पर रहे जहां ये हादसा हुआ था। यह भी पढ़ें: किस ग्रह के खराब होने की वजह से होती है स्किन प्रॉब्लम? जानें उससे निजात पाने के उपाय


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