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प्रेमानंद महाराज के भक्तों के लिए अच्छी खबर, जानें क्यों रोकी गई थी पदयात्रा जो आज से शुरू

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के भक्तों के लिए अच्छी खबर है कि अब एक बार उनकी पदयात्रा फिर से शुरू हो गई है। जिन लोगों को नहीं पता कि आखिर पदयात्रा रोकी क्यों गई थी और अब कैसे शुरू हो गई वो सारी जानकारी विस्तार से जान लें।

Premanand Maharaj
Premanand Maharaj: आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज अपनी पद यात्रा को लेकर खबरों में बने हुए हैं। दरअसल उनकी पद यात्रा बंद हो गई थी, जिस वजह से भक्तों का दिल टूट गया था। अब एक बार फिर से भक्तों से लिए अच्छी खबर है कि एक बार फिर से उनकी पदयात्रा शुरू हो गई है। आखिर क्यों रोकी गई थी महाराज की यात्रा और अब कैसे शुरू हुई सारी डिटेल आपको नीचे विस्तार से पता चलेगा। ये ता आप सभी जानके हैं कि प्रेमानंद महाराज के भक्तों की कतार लंबी है।

एक बार फिर शुरू हुई प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा

आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज की मंगलवार तड़के 2 बजे से ही बद यात्रा शुरू हो गई है। खास बात ये है कि ये यात्रा पहले वाले रास्ते से ही निकाली जाएगी जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बात की घोषणा खुद प्रेमानंद महाराज ने की और कहा कि- ब्रजवासियों, सुबह 2:00 बजे गेट पर तैयार रहना। यह भी पढ़ें: संत प्रेमानंद महाराज के सीक्रेट रिवील करने वाली शीला कौन? 18 मिनट के वीडियो में खोले कई राज

क्यों पदयात्रा पर लगाई गई थी रोक

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को अचानक से रोक दिया गया था। शुरुआत में इसके पीछे की वजह महाराज का खराब स्वास्थ्य बताया गया। लेकिन बाद में असली वजह सामने आई कि महाराज जिस एनआरआई ग्रीन रास्ते से पदयात्रा निकालते थे उस सोसाइटी के लोगों ने ही आपत्ति जताई थी। दरअसल उन्हें पदयात्रा के दौरान ढोल और वाद्य यंत्रों के उपयोग के कारण परेशानी होने का हवाला दिया था। इस वजह से ही पदयात्रा रोक दी गई थी।

अब कैसे शुरू हुई पदयात्रा

अब खबरें आ रही हैं कि प्रेमानंद महाराज से एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज से माफी मांगी। कहा जा रहा है कि सोमवार को एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से माफी मांगी। अब कॉलोनी के लोगों ने कहा कि वो ब्रजवासियों को दुखी कर खुश नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, यह संकीर्तन की नगरी है और यहां कीर्तन और भजन सत्र स्वाभाविक रूप से होंगे। ये सब राधा रानी की धरोहर हैं। इसका विरोध करने वाला कोई भी बृजवासी नहीं हो सकता। यह भी पढ़ें:मरने के बाद कब तक घर में ही रहती है आत्मा? गरुड़ पुराण के पाठ के क्या फायदे


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