New Delhi: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्स ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान ओलाफ ने कहा कि पूरी दुनिया रूस-यूक्रेन जंग का खामियाजा भुगत रही है। ये बड़ी तबाही है। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है।
इस दौरान पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर को मेघालय का स्टोल और नगालैंड में बनी शॉल भेंट की। आइए जानते हैं कि मेघालय स्टोल और नगालैंड की शॉल की खासियत क्या है?
मेघालय स्टोल: शक्ति का प्रतीक है ये
इसका निर्माण खासी और जयंतिया रॉयल्टी के लिए किया गया था, जो इसे शक्ति और सम्मान का प्रतीक मानते थे। इस स्टोल में बनी डिजाइन खासी और जयंतिया जनजाति की संस्कृति और परंपरा दर्शाती है। इसे बनाने में ऊन, प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
नगालैंड शॉल: डिजाइन नगा मिथकों से प्रेरित
नगालैंड शॉल को बनाने में रेशम और ऊन से बनाया जाता है। इसकी खासियत डिजाइन है। मान्यता है कि लाल रंग साहस, काला रंग शोक का प्रतिनिधित्व करता है। सफेद शुद्धता से है। हरा विकास का प्रतीक है। इसलिए इन प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल कंबल के तौर पर भी किया जाता है।
विदेश सचिव बोले- भारत-जर्मनी का संबंध मजबूत स्तंभ पर टिका
विदेश सचिव विजय क्वात्रा ने कहा कि भारत जर्मनी का संबंध व्यापार और निवेश के मजबूत स्तंभ पर टिका है और चर्चा के दौरान चांसलर शोल्ज और पीएम मोदी ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों की प्रकृति पर जोर देकर सराहना की कि यहां व्यापार और साझेदारी बहुत बड़ी है और बढ़ रही है।
रूस यूक्रेन की स्थिति PM मोदी और चांसलर शोल्ज की चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दों में से है। पीएम मोदी ने कहा कि हम किसी भी चीज का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, जो शांति से संबंधित है।
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