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गांधी जयंती पर ट्रेंड हुआ #नाथूराम गोडसे अमर रहें; खूब हुई अहिंसा के दौर में पिस्तौल चलाने वाले की तारीफ

Nathuram Godse Trending On Gandhi Jayanti: आज 2 अक्टूबर है, बिना खड़क-बिना ढाल आजादी दिलाने वाले साबरमती के संत मोहन दास कर्मचंद गांधी का जन्मदिवस। साधारण शब्दों में गांधी जयंती। हर साल की तरह गांधी जी की 154वीं पर आज फिर एक बार एक नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है, यह नाम है […]

Nathuram Godse Trending On Gandhi Jayanti: आज 2 अक्टूबर है, बिना खड़क-बिना ढाल आजादी दिलाने वाले साबरमती के संत मोहन दास कर्मचंद गांधी का जन्मदिवस। साधारण शब्दों में गांधी जयंती। हर साल की तरह गांधी जी की 154वीं पर आज फिर एक बार एक नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है, यह नाम है 'अहिंसा के पुजारी' की जान लेने वाले गर्मदलीय स्वतंत्रता सेनानी नाथूराम गोडसे का। फेसबुक, 'X'और व्हाट्सऐप तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #नाथूराम_गोडसे_अमर_रहे ट्रेंड हो रहा है। लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। देखें किसने किस तरह से अपने मन की बात रख गोडसे को याद किया... < >

यह है नाथूराम का परिचय

नाथूराम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम रामचंद्र विनायक गोडसे था, लेकिन बाद में नाथूराम के नाम से जाने जाने लगे। महात्मा गांधी की हत्या के बाद एक साल सुनवाई कर कोर्ट ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई। 15 नवंबर 1949 को अंबाला की सेंट्रल जेल में दोनों को फांसी दे दी गई। खास बात यह है कि जब कोर्ट में मुकदमा चला तो उसी दौरान उन्होंने जेल में बंद रहते हुए ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ नामक किताब लिखी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे किस कारण से महात्मा गांधी के विचारों के खिलाफ थे। उनकी इस किताब को उनकी फांसी के बाद उनके छोटे भाई गोपाल गोडसे ने प्रकाशित करवाया। < > < > < > < > < > < > < > < > < > < > < > < > < > < > < >


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