Indian Restaurant in Uzbekistan: आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘रब जो चाहे वहीं तो होना है आदमी तो सिर्फ एक खिलौना है’ ऐसा ही कुछ बंगलूरू के मोहम्मद नौशाद के साथ हुआ है। नौशाद स्टील इंडस्ट्री में नौकरी पूरी करने के बाद रिटायरमेंट लेकर दुनिया घूमने निकल गए थे। उनका सोचना था कि अब वो सिर्फ दुनिया घूमने के अपने सपने को पूरा करेंगे। इस दौरान ज्बेकिस्तान के समरकंद घूमने गए। यहां एक सुबह उन्हें नाश्ता मसाला चाय और परांठा खाने का किया। इसके लिए वो भारतीय रेस्तरां की खोज में निकल पड़े, लेकिन उन्हें पूरे समरकंद एक भारतीय रेस्तरां नहीं मिला। इसी के साथ उनके मन में यहां भारतीय रेस्तरां खोलने का आडिया आया।
STORY | Retired man from Bengaluru runs only Indian restaurant in Uzbekistan’s Samarkand
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उज्बेकिस्तान में खोला भारतीय रेस्तरां
अपने इसी आडिया के साथ उन्होंने उज्बेकिस्तान में ‘द इंडियन किचन’ को खोला। आज नौशाद का ‘द इंडियन किचन’ उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीयों की पहली पसंद है। उज्बेकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के भारतीय खाने की कमी पूरा करने का काम करता है। मोहम्मद नौशाद ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद उनका काम करने का कोई प्लान नहीं था। इसके अलावा उन्हें रेस्तरां बिजनेस का भी कोई एक्सपीरीयंस भी नहीं था।
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रेस्तरां में रोजाना आते हैं 350-450 टूरिस्ट
61 साल के नौशाद बताया कि उन्हें उज्बेकिस्तान के लोगों की सादगी और समृद्ध संस्कृति ने काफी प्रभावित किया। इसी वजह से उन्होंने यहां रह कर भारतीय रेस्तरां खोलने का फैसला किया है। नौशाद के इस भारतीय रेस्तरां को उज्बेकिस्तान के लोग भी बहुत पंसद करते हैं। नौशाद की माने तो उनके रेस्तरां में रोजाना 350-450 टूरिस्ट आते हैं। इसके अलावा उन्हें शादी और कैटरिंग के भी ऑर्डर मिलता रहता है। बता दें कि समरकंद में लगभग 3000 भारतीय छात्र रहते हैं जो हमेशा नौशाद के ‘द इंडियन किचन’ आते रहते हैं।