PVR INOX Fined Consumer Forum :जब भी आप थियेटर गए होंगे, आपने नोटिस किया होगा कि फिल्म के शुरू होने पहले कई विज्ञापन दिखाए जाते हैं। कई बार तो इसके चक्कर में फिल्म शुरू होने में देरी हो जाती है लेकिन एक शख्स ने इसको लेकर बेंगलुरू की एक उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर दी। शख्स की शिकायत पर उपभोक्ता अदालत थियेटर को हर्जाना देने का आदेश दिया है।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि वह परिवार और दो अन्य सदस्यों के साथ पिछले दिसंबर में सैम बहादुर का 4:05 बजे का शो देखने गए थे लेकिन फिल्म 4:30 बजे शुरू हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि तब तक उन्हें कई विज्ञापन दिखाए गए। शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर दी कि इससे उन्हें काम पर वापस जाने में मुश्किल हुई और उनका कीमती समय बर्बाद हुआ।
उपभोक्ता अदालत ने शिकायतकर्ता को असुविधा और मानसिक पीड़ा पहुंचाने के पीवीआर आईनॉक्स को 20,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। इसके साथ ही थियेटर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने में खर्च हुए आठ हजार रुपये भी देने का आदेश दिया है। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता अदालत ने PVR INOX को गलत मानते हुए हर्जाने के रूप में 1 लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया।
पीवीआर आईनॉक्स को बेंगलुरू के शिकायतकर्ता को हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये का भुगतान करने तथा फिल्म के शुरू होने के सही समय का उल्लेख करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा, "नए युग में समय को पैसे के समान माना जाता है, हर किसी का समय बहुत कीमती है, किसी को भी दूसरों के समय और पैसे से लाभ उठाने का अधिकार नहीं है। थिएटर बैठाकर जो कुछ भी दिखाया जा रहा है, उसे देखने में 25-30 मिनट कम नहीं है। व्यस्त लोगों के लिए अनावश्यक विज्ञापन देखना बहुत मुश्किल है। अगर कोई परिवार के साथ समय बिताने की कोशिश कर रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों के पास करने के लिए कोई और काम नहीं है।"
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पीवीआर ने अपने बचाव में कहा कि सरकार की तरफ से फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले पीएसए (पब्लिक सर्विस अवेयरनेस) चलाने का आदेश है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशों में भी कहा गया है कि इन्हें 10 मिनट से ज्यादा नहीं चलाया जाना चाहिए। विज्ञापन का वीडियो रिकॉर्ड किए जाने पर पीवीआर ने कहा कि शिकायतकर्ता ने एंटी-पायरेसी कानून का उल्लंघन किया है। इस पर उपभोक्ता अदालत ने कहा कि फिल्म को रिकॉर्ड नहीं किया, बल्कि केवल उन विज्ञापनों को रिकॉर्ड किया जो फिल्म से पहले चलाए गए थे। यह अच्छे कारण की वजह से किया गया था।
उम्मीद जताई जा रही है कि अब PVR INOX को इससे सबक मिलेगा और अब दर्शकों को अनचाहे और जबरन विज्ञापन नहीं देखना पड़ेगा। हालांकि सिर्फ PVR INOX ही नहीं बल्कि अन्य थियेटर संस्थाओं को भी इसे सीख मिलेगी।