Jay Chaudhary Success Story, ऊना: जय चौधरी। यह सिर्फ एक नाम ही नहीं, बल्कि ब्रांड हैं। एक ऐसा ब्रांड, जिसका जिक्र आते ही बिजनेस के द्रोणाचार्य की छवि दिमाग में उभरती है। न्यूज 24 आज कामयाब लोगों की कहानी को लेकर शुरू की गई अपनी खास सीरिज 'आम जाे आम नहीं हैं' में इस महान शख्सियत के संघर्ष को आपके समक्ष रख रहा है। एक वक्त था, जब जय चौधरी को पढ़ने के लिए 10-20 कदम नहीं, बल्कि पूरे 4 किलोमीटर पैदन चलकर जाना पड़ता था। अब जय चौधरी 71189 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं और 2018 में टॉप टैन भारतीय मूल के अमेरिकियों में अपना नाम शुमार करा चुके हैं। आइए जानते हैं एक मामूली किसान के बेटे जय चौधरी का फर्श से अर्श तक का पूरा सफरनामा ़़ ़़ ़
- बीएचयू के आईआईटी से ग्रेजुएट हैं वर्ष 1958 में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के गांव पनोह गांव में जन्मे जय चौधरी
- 2018 में एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड प्रोग्राम के रहे फाइनलिस्ट, भारतीय मूल के टॉप-10 अमीर अमेरिकियों में शामिल
गांव में नहीं था हाई स्कूल, 4 किलोमीटर चलकर जाते थे पढ़ने
1958 में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के ऊना जिले में पनोह गांव में एक छोटे स्तर के किसान के घर जन्मे जय चौधरी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय प्रौद्यािगिकी संस्थान (IIT BHU) से ग्रेजुएट हैं। इन्होंने अमेरिका के ओहियो स्थित सिनसिन्नाटि यूनिवर्सिटी से मास्टर्स भी किया हुआ है। इससे पहले जय चौधरी ने मुफलिसी का दौर भी देखा है। बीते दिनों एक इंटरव्यू में जय चौधरी ने बताया था कि उनके बाल्यकाल से किशोरावस्था तक गांव में बिजली तक नहीं होती थी। ऐसे में पेड़ के नीचे पढ़ना सुविधाजनक मानते थे। गांव में हाई स्कूल भी नहीं था। जब वह (जय चौधरी) 10वीं कक्षा में पढ़ते थे तो उस दौरान उन्हें पड़ोस के गांव धुसारा स्थित स्कूल तक रोज करीब 4 किलोमीटर का रास्ता पैदल चलकर तय करना पड़ता था।
[caption id="attachment_294293" align="alignnone" ] जय चौधरी अपने परिवार के साथ। -फाइल फोटो[/caption]
पति-पत्नी ने नौकरी छोड़कर जमापूंजी से शुरू की थी सिक्योर आईटी कंपनी
जय चौधरी ने आईबीएम, यूनिसेस, और आईक्यू सॉफ्टवेयर के लिए लगभग 25 साल तक सेल्स और मार्केटिंग भी देखी है। 1996 में चौधरी और उनकी पत्नी ज्योति ने अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर जमापूंजी लगाकर सिक्योर आईटी नामक कंपनी की स्थापना की थी। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1997 में सिफर ट्रस्ट की स्थापना की। इन दोनों कंपनियों को बाद में क्रमश: वेरीसाइन और सिक्योर कंप्यूटिंग कॉरपोरेशन ने खरीद लिया।
2007 में जय चौधरी ने साइबर सिक्योरिटी फर्म Zscaler बनाई
जय चौधरी ने एयरडिफेंस और कोरहार्बोर की भी स्थापना की थी, जिसे बाद में क्रमश: मोटोरोला और एटीएंडटी ने खरीद लिया। इसके बाद साल 2007 में जय चौधरी ने साइबर सुरक्षा फर्म Zscaler की स्थापना की। यह कंपनी नैस्डैक में सूचीबद्ध हो चुकी है। जय इस कंपनी में 42% के मालिक है। क्लाउड सुरक्षा कंपनी Zscaler, ओपन इंटरनेट और SaaS ऐप्स तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करती है। मार्च 2018 में जय चौधरी की कंपनी Zscaler अपना आईपीओ लेकर आई तो इसके बाद वह (चौधरी) अरबपति बन गए। चौधरी साल 2018 में ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड प्रोग्राम में फाइनलिस्ट रहे थे।
और पढ़ें - जानें कौन हैं पाकिस्तानी गुलजार खान, सीमा हैदर और अंजू से भी रोमांचक है जिनकी लव स्टोरी
कोरोना काल में भी दिखी खासी ग्राेथ
कोविड काल में पूरी दुनिया के वर्क फ्रॉम होम मॉडल अपनाने से Zscaler ने अभूतपूर्व ग्रोथ देखी। Zscaler माइक्रोसॉफ्ट, Siemens, CrowdStrike, और AWS समेत दिग्गज टेक कंपनियों को सिक्योरिटी सर्विस उपलब्ध कराती है। साल 2020 में उनका नाम फोर्ब्स 400 लिस्ट ऑफ रिचेस्ट पीपुल इन अमेरिका में भी आया, जिसमें वह 85वें नंबर पर थे।