Banke Bihari Temple: वृंदावन, उत्तर प्रदेश का एक पुराना धार्मिक नगर है जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का केंद्र माना जाता है। इसके अलावा भी वृंदावन में कई जगहें हैं जो आध्यात्मिकता, भक्ति और सुंदरता से भरपूर हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और साथ में बांके बिहारी मंदिर के साथ उन जगहों के बारे में जो वृंदावन में घूमने लायक हैं।
क्या हुआ पहली बार बांके बिहारी मंदिर में
वृंदावन के मशहूर बांके बिहारी मंदिर में श्री बांके बिहारी महाराज ने आज 200 से बने नोटों के कपडे़ पहने हैं। बांके बिहारी जी को यह कपड़े राजस्थान के एक भक्त ने माघ पूर्णिमा के दिन समर्पित किए थे जो बांके बिहारी जी को पहना दिए गए। आपको बता दें कि माघ पूर्णिमा के मौके पर बांके बिहारी जी एक अनोखी छवि में दर्शन हुए। जब भक्तों ने बिहारी जी के दर्शन किए तब सभी भक्त मोहित हो गए क्योंकि बिहारी जी ने ₹200 के नोटों की पहनी हुई थी। नोटों से बने कपड़ों को पहने हुए जब भक्तों ने बिहारी जी के दर्शन किए तो भक्त भी भक्ति से झूम उठे।
क्या-क्या इस्तेमाल हुआ बिहारी जी के कपड़ों में
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान बांके बिहारी जी को पहनाए गए नोटों से बने कपड़े में 200-200 रुपए की 15 गड्डी इस्तेमाल की गई थी। इसके अलावा 10, 20, 100 और 500 रुपए के नोटों को इस्तेमाल किया गया था। राजस्थान के भक्त ने भगवान की चोली, धोती, मुकुट सभी को नोटों से बनवाया था। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में यह पहली बार हुआ है कि जब बांके बिहारी जी को नोटों से बने कपड़े पहनाए गए हैं। हां इससे पहले कई बार भक्त अपने आराध्य बांके बिहारी को नोटों की माला अर्पित करते थे लेकिन यह पहली बार है जब बांके बिहारी जी ने नोटों से बनाए गए कपड़े पहने हैं।
कपड़ों की पीछे की कहानी
राजस्थान के एक भक्त हैं जो बांके बिहारी जी और सांवरिया सेठ के लिए अटूट श्रद्धा रखते हैं। जब उस भक्त ने सांवरिया सेठ को कई बार नोटों से बनी पोशाक पहने हुए देखा तो उनके मन में प्रेरणा जागी कि वह भगवान बांके बिहारी जी के लिए नोटों से बने कपड़े भेंट करेंगे। इसके बाद उन्होंने स्वयं कारीगरों के साथ बैठकर इन कपड़ों को बनवाया।
वृंदावन में इस खास मंदिर के अलावा भी है घूमने लायक जगहें
- प्रेम मंदिर: सफेद संगमरमर से बना यह भव्य मंदिर रात में देखने लायक होता है इसकी लाइटिंग और झांकी दर्शकों को मोहित कर देती है। मंदिर में श्रीकृष्ण और राधा की अद्भुत मूर्तियां हैं जो उनकी लीलाओं को दिखाती हैं।
- इस्कॉन मंदिर: यह मंदिर अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) द्वारा बनाया गया है। यहां पूरी परंपरा के साथ भजन-कीर्तन होते रहते हैं। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और विदेशी भक्तों की उपस्थिति इसे खास बनाती है।
- निधिवन: माना जाता है कि यहां हर रात श्रीकृष्ण और राधा गोपियों संग रास रचाते हैं। रात में इस जगह पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती क्योंकि कहा जाता है कि कोई भी इसे देख नहीं सकता। यहां का शांत वातावरण और घनी झाड़ियां इसे रहस्यमयी बनाती हैं।
- रंगजी मंदिर: दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर बहुत आकर्षक है। यह भगवान रंगनाथ (श्रीकृष्ण का एक रूप) को समर्पित है। यहां हर साल ‘रथ यात्रा’ आयोजित होती है जो देखने लायक होती है।
- सेवा कुंज: यह जगह राधा-कृष्ण के दिव्य मिलन के रूप में मशहूर है। कहा जाता है कि रात में यहां श्रीकृष्ण स्वयं प्रकट होते हैं। यह जगह भक्तों को एक अलग आध्यात्मिक अनुभव देती है।
- गोविंद देव जी मंदिर: यह वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसे अकबर के समय में बनाया गया था और यह वास्तुकला का अच्छा उदाहरण है।
- केसी घाट: यह यमुना नदी के किनारे स्थित एक पवित्र जगह है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने यहां कंस के भेजे गए केशी राक्षस का वध किया था। शाम को होने वाली यमुना आरती यहां का मुख्य आकर्षण है।
- पागल बाबा मंदिर: यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और सुंदर झांकियों के लिए जाना जाता है।
- जयपुर मंदिर: यह मंदिर 19वीं शताब्दी में जयपुर के राजा ने बनवाया था। इसकी अद्भुत नक्काशी और संगमरमर की मूर्तियां देखने लायक हैं।
अगर आप वृंदावन जा रहे हैं तो बांके बिहारी मंदिर के अलावा यह जगहें आपके यात्रा अनुभव को और दिव्य बना सकती हैं। यहां हर गली और हर मंदिर में श्रीकृष्ण की लीलाओं की झलक मिलती है। वृंदावन में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। क्या आपने इनमें से कोई जगह देखी है?
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